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अतीक-अशरफ प्रयागराज में दफन, जनाजे में शामिल हुए दोनों नाबालिग बेटे, नहीं पहुंची पत्नी शाइस्ता

यूपी के माफिया डॉन अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को प्रयागराज के कसारी-मसारी कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया है. अतीक के दोनों नाबालिग बेटों ने अपने पिता को अंतिम विदाई दी जिसके बाद उन्हें दफनाया गया. इस दौरान अशरफ की दोनों बेटियां भी वहां मौजूद थी.

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उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में शनिवार को माफिया डॉन अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. अब पोस्टमार्टम के बाद दोनों के शवों को कसारी-मसारी कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया है.

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बता दें कि अतीक अहमद के बेटे असद को भी एनकाउंटर के बाद यहीं दफनाया गया था. अतीक के दोनों नाबालिग बेटों ने कब्रिस्तान पहुंचकर अपने पिता और चाचा को अंतिम विदाई दी. दोनों नाबालिग बेटे बाल सुधार गृह में हैं.  

जिस एंबुलेंस से अतीक और अशरफ की बॉडी को कब्रिस्तान लाया गया था उसी एंबुलेंस में उसके दोनों बेटे भी वहां पहुंचे. वहीं अतीक के भाई अशरफ की दोनों बेटियां भी कब्रिस्तान पहुंची और आखिरी बार अपने पिता को देखा. अतीक और अशरफ के जनाजे की नमाज में केवल करीबी रिश्तेदारों को ही शामिल होने की इजाजत दी गई थी. इस दौरान कब्रिस्तान में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे.

कब्रिस्तान नहीं पहुंची अतीक की पत्नी शाइस्ता

अतीक और अशरफ के जनाजे में बुर्के वाली महिलाओं पर पुलिस की खास निगाहें थी. पुलिस को आशंका थी कि शाइस्ता अंतिम बार अपने पति को देखने पहुंच सकती है. हालांकि ऐसा नहीं हुआ.

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अतीक के सिर, गर्दन और छाती में मारी गई थी 8 गोलियां

माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ गई है. रिपोर्ट के मुताबिक हमले में 8 गोली अतीक अहमद को लगीं थी.  शूटआउट के दौरान उसके शरीर में कुल 8 गोलियां मिली थी. वहीं अशरफ को 5 गोलियां लगी थी. दोनों के शव पोस्टमार्टम के परिजनों को सौंप दिए गए थे. अतीक और अशरफ के शवों का पोस्टमार्टम चार डॉक्टरों के पैनल ने किया था. इस दौरान पूरे पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी भी कराई गई थी. 

3 शूटरों ने चलाई थी 18 गोलियां

यूपी के माफिया डॉन अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की शनिवार की रात तीन हमलावरों ने हत्या कर दी. पत्रकार के भेष में आए तीन शूटरों ने प्रयागराज के कॉल्विन अस्पताल के बाहर अतीक अहमद और उसके भाई को गोलियों से भून दिया. जिस वक्त यह हमला हुआ उस वक्त दोनों भाई मीडिया से बात कर रहे थे.

इस हमले के बाद हर तरफ गोलियों के खोके पड़े हुए थे और जमीन पर खून से लथपथ अतीक और अशरफ बेजान पड़े हुए थे. तीन की संख्या में आए शूटरों ने पुलिस की अभिरक्षा में अतीक और अशरफ पर ताबड़तोड़ 18 गोलियां बरसाई. 

हत्यारों की हुई पहचान

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हत्याकांड को अंजाम देने वाले 3 आरोपी पुलिस की गिरफ्त में हैं. तीनों ने ही वारदात को अंजाम देने के बाद खुद को सरेंडर कर दिया था. इन आरोपियों के नाम अरुण मौर्य निवासी कासगंज, लवलेश तिवारी निवासी बांदा और सनी निवासी हमीरपुर है. अरुण हत्या के एक मामले में शामिल है.

अतीक अशरफ के हत्या के आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि, हम अतीक और अशरफ को मारने की फिराक में पत्रकार बनकर प्रयागराज आए थे. लेकिन सही समय और मौका नहीं मिल पा रहा था. लेकिन आज मौका मिला तो हमने घटना को अंजाम दे दिया. 

आरोपी ने पुलिस से कहा कि जब से अतीक और अशरफ की पुलिस हिरासत के बारे में पता चला, हम तभी से उनकी हत्या करने की योजना बना रहे थे. इसलिए पत्रकार बनकर पहुंचे. जब सही मौका मिला, हमने ट्रिगर दबाकर योजना को अंजाम दिया. 60 वर्षीय अतीक और उसके भाई अशरफ को एक ही हथकड़ी पहनाई गई थी.

पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने कहा है, 'कब तक छोटे-मोटे शूटर रहेंगे, बड़ा माफिया बनना है, इसलिए हत्याकांड को अंजाम दिया.' इस मामले में धीरे-धीरे परतें खुल रही हैं. पुलिस पूछताछ में जुटी हुई है. इस मामले में शूटर लवलेश, अरुण और मोहित उर्फ सनी पर आईपीसी की धारा 302 और 307 के तहत केस दर्ज किया गया है.

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अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की जिस पिस्टल से हत्या की गई है, उसकी डिटेल सामने आ चुकी है. यह पिस्टल भारत में पूरी तरह से बैन है. इसलिए अवैध तरीके से इसे तुर्की से भारत एक्सपोर्ट किया जाता है. इसकी कीमत 6 से लेकर 7 लाख रुपए तक होती है.

बता दें कि अतीक अहमद गुजरात के अहमदाबाद की साबरमती जेल में कैद था. उसे उमेश पाल की किडनैपिंग के केस में उम्र कैद की सजा मिली थी. उत्तर प्रदेश पुलिस उसे हाल ही में दूसरी बार प्रयागराज लेकर आई थी. इस बार उससे उमेश पाल के कत्ल की पूछताछ के लिए उसे प्रयागराज लाया गया था.


 

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