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अतीक अहमद के करीबी नफीस बिरयानी की हार्ट अटैक से मौत, उमेश पाल हत्याकांड में जेल में बंद था

उमेश पाल हत्याकांड में जेल में बंद अतीक अहमद के करीबी नफीस बिरयानी की हार्ट अटैक से मौत हो गई है. रविवार की रात उसे दिल का दौरा पड़ा था, जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उसकी मौत हो गई है.

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अतीक अहमद के करीबी नफीस बिरयानी की हार्ट अटैक से मौत (फाइल फोटो)
अतीक अहमद के करीबी नफीस बिरयानी की हार्ट अटैक से मौत (फाइल फोटो)

अतीक अहमद के करीबी नफीस बिरयानी की हार्ट अटैक से मौत हो गई है. नफीस को अतीक का फाइनेंसर भी कहा जाता है. वो उमेश पाल हत्याकांड में जेल में बंद था. रविवार की रात उसे दिल का दौरा पड़ा था, जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उसकी मौत हो गई है.

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नफीस बिरयानी प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल में बंद था. पुलिस की ओर से बताया गया है कि 17 दिसंबर की शाम को उसकी तबीयत खराब हुई, जिसके बाद जेल प्रशासन ने उसे एसआरएन अस्पताल में भर्ती कराया. जहां इलाज के दौरान उसकी सोमवार की सुबह मौत हो गई. डॉक्टर्स की मानें तो उसकी मौत की वजह हार्ट अटैक है. 

अतीक का करीबी नफीस मुठभेड़ में घायल, उमेश पाल मर्डर केस में है आरोपी

बता दें कि नफीस बिरयानी के खिलाफ उमेश पाल हत्याकांड में प्रयागराज के धूमनगंज पुलिस थाने में केस दर्ज था, जिसके बाद उस पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था. नफीस को 22 नवंबर, 2023 को पुलिस मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया गया था. अब शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है. 

पुलिस और नफीस के बीच मुठभेड़ लखनऊ से प्रयागराज जाने के रास्ते में नवाबगंज थाना क्षेत्र के अमापुर में हुई. इस दौरान पुलिस की गोली से वह घायल हो गया था. 24 फरवरी 2023 को धूमनगंज इलाके में उमेश पाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. शूटर जिस क्रेटा कार से आए थे वह कार नफीस की ही थी.  

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नफीस अतीक अहमद के छोटे भाई अशरफ का बेहद करीबी था. अशरफ ने ही नफीस को नॉनवेज प्वाइंट के लिए सिविल लाइंस में जगह मुहैया कराई थी. उसने नफीस बिरयानी के नाम से प्रयागराज में कई नॉनवेज आउटलेट खोल रखे थे.  

नफीस ने रुखसार नाम के व्यक्ति के नाम पर अपनी कार ट्रांसफर कर दी थी, लेकिन कार हमेशा नफीस और असद ही यूज किया करते थे. उमेश पाल हत्याकांड के बाद नफीस पर प्रयागराज पुलिस ने 50 हजार रुपए का इनाम घोषित कर रखा था. अब प्रयागराज पुलिस को नफीस के साथी रुखसार की तलाश है. 

24 फरवरी को हुई थी उमेश पाल की हत्या 

बहुजन समाज पार्टी के विधायक रहे राजू पाल की हत्या के मामले में मुख्य गवाह उमेश पाल पर 24 फरवरी को गोलीबारी कर दी थी. उमेश पाल गाड़ी से निकलकर जब अपने घर की ओर भागे, तब बदमाशों ने उनको निशाना बनाकर बम भी फेंके थे. इस हमले में गंभीर रूप से घायल उमेश पाल और उनके दो गनर को आसपास के लोगों ने उपचार के लिए तत्काल स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल पहुंचाया था, जहां उपचार के दौरान तीनों की मौत हो गई थी. 

उमेश पाल हत्याकांड में अतीक अहमद का नाम सामने आया था. अतीक अहमद और अशरफ अहमद पर उमेश पाल की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगा था. उमेश पाल की हत्या के अगले उनकी पत्नी जया पाल ने अतीक अहमद, अशरफ अहमद, शाइस्ता, असद के साथ ही शूटर अरमान, गुलाम, गुड्डू मुस्लिम और साबिर के खिलाफ केस दर्ज किया था. इनमें से अतीक और अशरफ समेत छह आरोपी मारे जा चुके हैं. शाइस्ता और गुड्डू मुस्लिम समेत तीन आरोपी अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं.

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