अतीक अहमद का बाहुबल, खौफ और सियासी रसूख केवल प्रयागराज तक ही सीमित नहीं था, बल्कि आसपास के कई जिलों में उसकी चर्चा होती थी. साल 2016 में कानपुर शहर के लोग भी इसके गवाह बने थे. दरअसल, 2017 विधानसभा चुनाव से पहले 22 दिसंबर 2016 को अतीक ने अपनी सियासी फील्ड बनाने के लिए कानपुर में जबरदस्त एंट्री की थी. उस समय लगभग 1500 सौ गाड़ियों के काफिले के साथ वो अपने दबंग समर्थकों को लेकर कानपुर पहुंचा था.
22 दिसंबर की दोपहर को जब अतीक ने अपने काफिले के साथ कानपुर में प्रवेश किया तो जाजमऊ, चकेरी, लाल बंगला जैसे इलाकों में कई किलोमीटर का जाम लग गया था. आलम यह था कि उसके दबंग समर्थक रूट बदलकर शहर में अपनी लग्जरी गाड़ियों से चारों तरफ घुस गए थे. इस दौरान रोड पर कई एंबुलेंस फंस गई थीं, लोग बेहाल थे लेकिन अतीक या उसके समर्थकों को इसकी कोई फिक्र नहीं थी.
मैं क्या करता, क्या साइकिल से आता- अतीक अहमद
इसके बाद जब अतीक सपा विधायक इरफान सोलंकी के घर पहुंचा तो शहर में जाम लगने के सवाल पर जवाब दिया था, "मैं क्या करता, क्या साइकिल से आता". बात यहीं खत्म नहीं हुई. जब मीडिया ने कहा कि आप बहुबली हैं तो अतीक ने इस शब्द की अपने मनमाफिक परिभाषा भी गढ़ी. उसने कहा, "अच्छे लोग बाहुबली होते हैं. भगवान को भी बाहुबली कहते हैं".
MLA इरफान सोलंकी के घर को बताया था अपना परिवार
इसके बाद अतीक ने सपा विधायक इरफान सोलंकी के घर को अपना परिवार बताया था. गौरतलब है कि मुलायम सिंह यादव की तरफ से अतीक को कैंट विधानसभा सीट से टिकट देने की पहल की गई थी. मगर, उसका टिकट फाइनल नहीं हुआ था. बावजूद इसके चुनाव लड़ने की चर्चा पर ही शहर को होर्डिंग से पाट दिया गया था.
15 अप्रैल की रात हुई थी अतीक-अशरफ की हत्या
बता दें कि यूपी के प्रयागराज में अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की 15 अप्रैल की रात तीन शूटर्स ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. इनकी पहचान अरुण मौर्या, सनी और लवलेश तिवारी के रूप में हुई. तीनों पत्रकार बनकर पुलिस के काफिले के नजदीक पहुंचे और जैसे ही अतीक और उसके भाई अशरफ ने मीडिया से बात करना शुरू की, तीनों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी. इस दौरान करीब 18 राउंड गोलियां चलीं, जिनमें से 8 गोली अतीक अहमद को लगी थीं.
देखिए अतीक की दबंगई का 7 साल पुराना वीडियो...