यूपी के प्रयागराज में शुक्रवार की रात को विधायक राजू पाल हत्याकांड में मुख्य गवाह रहे उमेश पाल की गोली और बम मारकर हत्या कर दी गई. राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में प्रयागराज शूटआउट का जिक्र करते हुए कहा कि इसमें शामिल माफिया को मिट्टी में मिला दूंगा. बता दें कि इस हत्याकांड में यूपी के बाहुबली नेता अतीक अहमद और उसके बेटों का नाम सामने आ रहा है.
17 साल पहले हुआ था उमेश पाल सिंह का अपहरण
अतीक अहमद और उमेश पास सिंह की अदवात काफी पुरानी रही है. एक रिपोर्ट के मुताबिक 25 जनवरी 2005 को बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड में मुख्य गवाह रहे उमेश पाल का साल 2006 में अतीक अहमद ने अपहरण करवा लिया था.
उमेश पाल का अपहरण करवा कर राजू पाल हत्याकांड में अतीक अहमद ने अपने पक्ष में गवाही करवा ली थी.
उमेश पाल ने इसी अपरहण मामले में अतीक अहमद पर केस दर्ज करवाया था. अपहरण के इसी मामले पर कोर्ट में बहस के लिए ही 24 फरवरी को उमेश पाल कोर्ट गया था. इस मामले में अतीक अहमद की तरफ से सोमवार को बहस होनी थी.
कोर्ट से ही पीछा कर रहे थे बमदाश
कोर्ट की कार्रवाई खत्म होने के बाद उमेश पाल अपने भतीजे की क्रेटा कार से घर वापस आ रहे थे. कोर्ट से उसका पीछा कर रहे बदमाशों ने गाड़ी से उतरते ही घर के सामने गोली मारकर उमेश पाल की हत्या कर दी.
अब तक की जांच में इस वारदात को अंजाम देने में 9 लोगों के शामिल होने की आशंका जाहिर की गई है. जानकारी के मुताबिक सीसीटीवी में 5 बदमाशों की तस्वीर पुलिस को मिली है वहीं 4 अन्य शूटर बैकअप के लिए रोड के दूसरी तरफ खड़े थे.
घटना के एक चश्मदीद ने बताया कि हमले के बाद उमेश पाल को गोली लग गई जिसके बाद वो अपने घर की तरफ भागने लगे. इस पर बदमाशों ने तंग गली में घुसकर फायरिंग की. उमेश पाल का गनर संदीप निषाद भी घायल होने के बाद गली में भागा जिसको निशाना बनाते हुए बदमाशों ने गली में बम मार दिया. संदीप घायल अवस्था में घर के बाहर गिर पड़ा. इस पूरे वारदात को महज 44 सेकेंड के अंदर अंजाम दिया गया.