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अतीक अहमद ने गांधी परिवार के रिश्तेदार की भी हथिया ली थी प्रॉपर्टी, केंद्र सरकार को देना पड़ा था दखल

माफिया से नेता बने अतीक अहमद की प्रयागराज में 15 अप्रैल की रात कॉल्विन हॉस्पिटल में गोलियों से भूनकर हत्या कर दी थी. राजनेता बनने के बाद भी जुर्म की दुनिया में बना रहा था. उसने सांसद रहते हुए एक बार सोनिया गांधी की रिश्तेदार की जमीन पर कब्जा कर लिया था, लेकिन काफी जद्दोजहद के बाद पीड़िता अपनी प्रॉपर्टी वापस ले पाई थी.

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प्रयागराज में अतीक अहमद की 15 अप्रैल को कर दी गई थी हत्या (फाइल फोटो)
प्रयागराज में अतीक अहमद की 15 अप्रैल को कर दी गई थी हत्या (फाइल फोटो)

माफिया डॉन अतीक अहमद भले ही अतीत हो गया है लेकिन उसके आतंक के किस्से खत्म होने का नाम नहीं ले रहे. इन्हीं किस्सों में एक सोनिया गांधी से जुड़ा हुआ है. अतीक ने सिविल लाइंस इलाके में वीरा डी गांधी की प्रॉपर्टी कर कब्जा कर लिया था. वीरा गांधी सोनिया की खास रिश्तेदार हैं और पैलेस टॉकीज की मालिक हैं. प्रयागराज में प्रभावशाली लोगों में वीरा गांधी का परिवार भी शामिल है.

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जानकारी के मुताबिक कथित तौर पर यह घटना 2007 में हुई थी, जब अतीक ने अपने गुर्गों से कहकर उनकी जमीन पर कब्जा करवाकर उसमें ताला लगवा दिया था. वीरा गांधी की यह प्रॉपर्टी पैलेस टॉकीज के ठीक पीछे थी. अतीक तब फूलपुर से सांसद था और उस समय यूपी में सत्ताधारी पार्टी समाजवादी पार्टी (सपा) का प्रतिनिधित्व करता था. जब वीरा गांधी को इस बारे में पता चला तो उन्होंने राज्य सरकार और जिला प्रशासन से कार्रवाई करने की गुहार लगाई, लेकिन कथित रूप से उनकी शिकायत पर कोई एक्शन नहीं लिया गया.

जब वह हर जगह से हार गईं तो उन्होंने दिल्ली जाकर कांग्रेस के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार से इसमें हस्तक्षेप की मांग की. तब सोनिया गांधी केंद्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए की अध्यक्ष थीं. इसके बाद केंद्र सरकार के दखल पर अतीक को कथित तौर पर जमीन छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा.

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पूर्व महानिरीक्षक (आईजी) लालजी शुक्ला ने कहा कि वीरा गांधी के परिवार के पास प्रयागराज में कई जमीनें हैं. पुलिस अधिकारी ने कहा, 'अतीक जमीन पर कब्जा करना चाहता था क्योंकि यह पैलेस टॉकीज के पीछे स्थित थी. उसने प्रयोग के तौर पर इस प्रॉपर्टी पर कब्जा किया था. अगर वह इसमें सफल हो जाता, तो वह वीरा गांधी के परिवार के स्वामित्व वाली अन्य जमीनों पर भी कब्जा कर लेता.'

15 अप्रैल को अतीक की कर दी गई थी हत्या

अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की 15 अप्रैल को प्रयागराज के कॉल्विन हॉस्पिटल में पुलिस कस्टडी में गोल मारकर हत्या कर दी गई थी. मीडिया पर्सन बनकर आए तीन हमलावरों ने 18 सेकंड में 18 राउंड फायरिंग कर उनकी हत्या कर दी थी. हालांकि हत्या के बाद तीनों ने तुरंत सरेंडर भी कर दिया था. इन हमलावरों में एक लवलेश तिवारी बांदा का रहने वाला है, जबकि अरुण मौर्य कासगंज का निवासी है. वहीं तीसरा आरोपी सनी हमीरपुर का रहने वाला है.

तीनों को 19 अप्रैल को प्रयागराज कोर्ट में पेश किया गया था, जिन्हें चार दिन के लिए पुलिस रिमांड में भेज दिया है. वहीं वारदात के चार दिन बाद पुलिस विभाग ने कार्रवाई करते हुए शाहगंज थाने के पांच पुलिसवालों को सस्पेंड कर दिया गया है.

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प्रयागराज आने-जाने वालों को ट्रेस कर रही पुलिस

प्रयागराज में माफिया डॉन अतीक अहमद और अशरफ की हत्या के असली मास्टरमांड तक पहुंचने के लिए पुलिस ने अपनी जांच का दायरा बढ़ा दिया है. इन माफिया ब्रदर्स की हत्या की जांच कर रही एसआईटी अब 12 अप्रैल से 15 अप्रैल के बीच प्रयागराज में फ्लाइट और दूसरे यात्रा के तरीकों से आने और जाने वालों की जांच शुरू कर दी है. इसके अलावा इसी अवधि के दौरान प्रयागराज में की गई सभी कॉलों को भी स्कैन किया जा रहा है, खासतौर से शाहगंज में की जाने वाली कॉल्स को.

अतीक पर दर्ज थे 100 से भी ज्यादा केस

अतीक अहमद एक बार सांसद और 5 बार विधायक रहा था. उनके खिलाफ 100 से ज्यादा केस दर्ज थे. उसे इसी साल प्रयागराज कोर्ट ने उमेशपाल के अपहरण केस में उम्रकैद की सजा सुनाई थी. ऐसा पहली बार हुआ था कि उसे किसी केस में सजा सुनाई गई हो. वह 24 फरवरी को प्रयागराज में दिनदहाड़े हुईं उमेश पाल और उसके दो गनर्स की हत्या का आरोपी भी था.

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