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Umesh Pal Murder Case: पुलिस ने बताया कौन है 'मैडम'... अतीक के रजिस्टर में मिले कोडनेम का खेल

पंडित, तोता, बल्ली, माया, शेरू, रसिया ये कोडनेम किसके हैं प्रयागराज पुलिस अभी भी इनका पता लगाने में जुटी हुई है. वहीं, 'मैडम' से जिसे बुलाया जाता था पुलिस ने इसका खुलासा कर दिया है. अतीक की बहन आयशा नूरी 'मैडम' कोडनेम से बुलाई जाती थी. उमेश पाल मर्डर केस में पुलिस ने आयशा को भी आरोपी बनाया है.

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अतीक अहमद (फाइल फोटो).
अतीक अहमद (फाइल फोटो).

उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी माफिया डॉन अतीक अहमद की बहन आयशा नूरी को भी आरोपी बनाया गया है. नूरी को लेकर पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है. पुलिस के मुताबिक, अतीक के घर से जो रजिस्टर मिला था उसमें 'मैडम' कोडनेम की आयशा नूरी का था. वहीं, उसके पति अखलाक अहमद को 'डॉक्टर' कोडनेम दिया गया था.

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बता दें कि आयशा नूरी को उमेश पाल की हत्या करने वाले शूटरों की फरार होने में मदद करने का दोषी पाया गया और उसे भी इस मामले में आरोपी बनाया गया है. उसके पति अखलाक को पुलिस और एसआईटी ने 6 मार्च को ही मेरठ से गिरफ्तार कर लिया था. जांच एजेंसियों ने रजिस्टर में मिले ज्यादातर कोडनेम डीकोड कर लिया हैं, लेकिन पंडित, तोता, बल्ली, माया, शेरू, रसिया ये कुछ कोडनेम अभी भी डीकोड होना बाकी हैं.

आईफोन, सिम, कोडनेम और मर्डर की प्लानिंग

दरअसल, माफिया अतीक अहमद के साथ ही उसके परिवार के लोगों और गिरोह ने बीएसपी विधायक राजू पाल मर्डर केस के गवाह उमेश पाल की हत्या की साजिश काफी पहले रच ली थी. गुजरात की साबरमती और यूपी की बरेली जेल में रची गई इस साजिश में तय हो चुका था कि वारदात से पहले और बाद में कोई भी अपने मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करेगा.

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करीब 10 दिन पहले वारदात में शामिल सभी लोगों को एक-एक आईफोन और तीन-तीन सिम कार्ड दिए गए थे. इसी के साथ यह भी तय किया गया था कि आईफोन पर एप के जरिए बातचीत में कोई भी व्यक्ति एक दूसरे का नाम नहीं लेगा, कोडनेम के जरिए ही बातचीत की जाएगी. इसी आधार पर वारदात में शामिल सभी लोगों के नाम के अलग कोडनेम तैयार किए गए थे. बातचीत में नाम के बदले उन्हीं कोडनेम का इस्तेमाल किया जाता था.

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अतीक के घर से मिले रजिस्टर में लिखे थे कोडनेम

पुलिस ने माफिया अतीक अहमद के पुश्तैनी घर से जो रजिस्टर बरामद किया था, जिसमें इन कोडनम का जिक्र था. गिरफ्तार हुए अतीक के मुंशी, ड्राइवर और नौकर ने पुलिस को तमाम जानकारियां दी थीं. इसमें पुलिस को पता चला था कि किसको क्या कोडनेम दिया गया था. 

अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन.
अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन.

अतीक अहमद बड़े और अशरफ को छोटे कहकर बात करते थे 

आरोपी सूत्रों के मुताबिक, उमेश पाल शूटआउट केस की साजिश के दौरान गुजरात की साबरमती जेल में बंद माफिया अतीक अहमद को 'बड़े' नाम दिया गया था. इसी तरह यूपी की बरेली जेल में बंद अतीक अहमद के भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ को 'छोटे' कोड वर्ड दिया गया था. इसी तरह वारदात में शामिल पांच -पांच लाख के इनामी पांचों शूटर्स के नाम के भी कोड वर्ड तैयार किए गए थे.

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छिपकर फायरिंग करने वाले को उल्लू, गुड्डू मुस्लिम को मुर्गी का कोडनेम  

इलेक्ट्रिक शॉप में छिपकर फायरिंग करने वाले शूटर गुलाम को 'उल्लू' कोड वर्ड दिया गया था. शूटर गुड्डू मुस्लिम के परिवार वाले चिकन शॉप चलाते हैं, इसलिए कोड वर्ड में उसका नाम 'मुर्गी' रखा गया था. शूटर अरमान बिहार के सासाराम का रहने वाला है, इसलिए उसे 'बिहारी' कोड वर्ड दिया गया. शूटर विजय चौधरी इसी नाम से जाना जाता था, इसलिए कोड वर्ड में उसका नाम 'उस्मान' रखा गया था.

अतीक का बहनोई डॉक्टर अलखाक अहमद.
अतीक का बहनोई डॉक्टर अलखाक अहमद.

अतीक के बेटे असद को कहा जाता था 'राधे'

सबसे चर्चित शूटर माफिया अतीक अहमद के बेटे असद अहमद को 'राधे' कोड वर्ड दिया गया था. दरअसल, कहा जा रहा है कि फिल्म तेरे नाम में सलमान खान ने जिस तरह बड़े-बड़े बाल रखे थे, असद भी उसी स्टाइल में लंबे बाल रखता था. फिल्म तेरे नाम में सलमान खान ने 'राधे' का किरदार निभाया था, इस वजह से असद को 'राधे' कोड वर्ड दिया गया था.

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फरार आरोपी.
फरार आरोपी.

 

शाइस्ता का बदला गया था कोडनेम, पहले 'गॉड मदर' फिर 'सांई बाबा'

शूटआउट में माफिया अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन ने भी अहम भूमिका निभाई थी. वह साजिश वाली बैठकों में शामिल भी होती थी. इसी वजह से पहले उसे 'गॉड मदर' कोड एलॉट किया गया था. हालांकि 'गॉड मदर' कोड से किसी महिला के बारे में बातचीत किए जाने का एहसास होता है, इसलिए बाद में शाइस्ता परवीन का कोड बदल दिया गया और उसे 'गॉड मदर' के बदले 'साईं बाबा' कोड वर्ड से पुकारा जाने लगा.

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राइफल मुहैया कराने वाले आसार का नाम था 'लंगड़ा'

कहा जाता था लंगड़ा, मुनीम और डॉक्टर इस पूरी वारदात में अतीक अहमद के परिवार के अकाउंट का काम देखने वाले आसाद कालिया का भी अहम रोल था. आरोप है कि आसाद कालिया ने ही शूटर साबिर को राइफल मुहैया कराई थी. उसे कमर में दर्द रहता है. इस वजह से वह अक्सर तेज नहीं चल पाता है. इसके चलते आसाद कालिया को 'लंगड़ा' नाम दिया गया था. अतीक के मुंशी को 'मुनीम' कोड वर्ड दिया गया था. बहनोई डॉक्टर अखलाक पेशे से चिकित्सक है, लिहाजा उसे 'डॉक्टर' कोड वर्ड दिया गया था.

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