प्रयागराज में उमेश पाल की हत्या होने के बाद उत्तर प्रदेश के बाहुबली नेता अतीक अहमद और उनके परिवार की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है. यूपी की जेलों में बंद अतीक अहमद के कुनबे पर शिकंजा कसता जा रहा है.
प्रयागराज की नैनी जेल में बंद अतीक के बेटे अली अहमद को भी हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया है जहां उसे किसी से भी मिलने की इजाजत नहीं होगी. अली के बैरक की सीसीटीवी फीड डीजी जेल के कंट्रोल रूम को भेजी जा रही है.
लखनऊ जेल में बंद अतीक के दूसरे बेटे उमर अहमद को भी बैरक में अकेला रखा गया है. उस पर भी 24 घंटे सीसीटीवी के जरिए निगरानी रखी जा रही है और किसी से भी मिलने पर पाबंदी लगा दी गई है.
बरेली जेल में बंदी रक्षकों की मदद से अशरफ की हो रही गैरकानूनी मुलाकात के बाद अतीक के कुनबे को सीसीटीवी की निगरानी में हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया है.
बरेली जेल में बंद अशरफ को हाई सिक्योरिटी बैरक में भेज दिया गया है जहां उसे अकेला रखा गया है. इतना ही नहीं अशरफ की किसी से मुलाकात पर भी पूरी तरह से पाबंदी लगाई गई है. उस पर सीसीटीवी के जरिए 24 घंटे नजर रखी जा रही है.
उमेश पाल की हत्या ने बढ़ाई अतीक की मुश्किलें
राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल और उनके दो सरकारी गनर की सरेआम हत्या की वारदात के बाद अतीक अहमद और उसके बेटों पर यूपी सरकार लगातार कानूनी शिकंजा कस रही है. बताया जा रहा है कि इस हत्याकांड की पटकथा अतीक ने जानबूझकर ऐसी लिखी ताकि उसके तीसरे बेटे असद की अपराध की काली दुनिया में ताजपोशी की जा सके.
उमेश पाल हत्याकांड को अंजाम देने वाले शूटर 15 दिन बाद भी उत्तर प्रदेश पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं. पुलिस की टीमें 5 राज्य और 13 शहरों में खाक छान रही हैं, लेकिन शूटरों का पता नहीं चल रहा है.
दूसरी तरफ इस हत्याकांड को अंजाम देने के तरीके से माना जा रहा है कि अतीक अहमद ने अपने अपराध के साम्राज्य पर असद की ताजपोशी कर दी है. बताया जा रहा है कि इस वारदात को दिनदहाड़े इसीलिए अंजाम दिलवाया गया, ताकि लोग समझ सकें कि अब अतीक गैंग में उसके बाद किसका फरमान चलेगा.
बेटे को गैंग का सरगना बनाने के लिए हत्या!
उमेश पाल की हत्या में अतीक अहमद का बेटा असद सौफ तौर पर गोलियां चलाता हुआ नजर आ रहा है. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या जुर्म की दुनिया में उसकी लॉन्चिंग और गैंग का सरगना बनाने के लिए इस हत्याकांड को दिनदहाड़े अंजाम दिया गया.
बताया जा रहा है कि इस वारदात को दिनदहाड़े इसीलिए अंजाम दिलवाया गया, ताकि लोग समझ सकें कि अब अतीक गैंग में उसके बाद किसका फरमान चलेगा.
उमेश पाल की हत्या को अंजाम देने के लिए शूटरों ने वक्त, जगह और तरीका ऐसा चुना ताकि दहशत फैले. जिस तरह से अतीक अहमद के गुर्गों ने इस हत्याकांड को अंजाम दिया. उसमें अतीक का तीसरा बेटा असद साफ तौर पर सामने था.
असद क्रेटा कार से जैसे ही उतारता है, वह बिना अपना चेहरा छुपाए दौड़ते हुए पिस्टल को लोड कर फायरिंग शुरु करता है. इतना ही नहीं वह उमेश पाल को दौड़ाते हुए गली में घुसकर गोली मारता है. बिना यह चिंता किए कि उसका नाम आएगा तो अतीक के लिए मुश्किलें होंगी और उसको भी गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा.
अतीक अहमद के परिवार के लिए साए की तरह घूमने वाले साबिर ने भी बिना चेहरा छुपाए कार से उतरते ही राइफल से फायरिंग शुरू कर दी. पहले पब्लिक को रोका और फिर उमेश पाल की कार में बैठे गनर संदीप निषाद को गोली मार दी.
साबिर ने भी अपनी पहचान छिपाने की कोशिश नहीं की, जबकि दुनिया जानती है कि मौजूदा वक्त में अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन के साथ साए की तरह साबिर ही साथ रहता है.