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अतीक ने कहा था 'मीडिया की वजह से जिंदा हूं...' 3 दिन बाद पत्रकार बनकर शूटर्स ने कर दी हत्या

बीते दिनों गुजरात के साबरमती जेल से प्रयागराज जाते समय रास्ते में माफिया अतीक अहमद (Mafia Atiq Ahmed) ने मीडिया से बात की थी. उसने कहा था कि मैं मीडिया की वजह से जिंदा हूं और इसी के साथ शुक्रिया भी अदा किया था. लेकिन शनिवार रात को अतीक और उसके भाई अशरफ की पत्रकार बनकर आए तीन हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी.

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अतीक और अशरफ (फोटो- PTI)
अतीक और अशरफ (फोटो- PTI)

मैं आपकी वजह से जिंदा हूं, इसके लिए आप सभी का शुक्रिया... मरने से ठीक 3 दिन पहले गैंगस्टर से राजनेता बने अतीक अहमद (Mafia Atiq Ahmed) ने ये बात मीडिया से कही थी. उस समय उसे साबरमती जेल से प्रयागराज ले जाया जा रहा था. लेकिन शनिवार को उसकी हत्या कर दी गई. हैरानी की बात ये रही कि सभी हत्यारे अतीक के सामने नकली पत्रकार बनकर आए और फायरिंग कर उसे और उसके भाई अशरफ को मार गिराया.

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दरअसल, 12 अप्रैल को अतीक को प्रयागराज ले जाया जा रहा था, जहां पुलिस ने उससे उमेश पाल हत्याकांड की साजिश को लेकर पूछताछ करनी थी. उसी समय मीडिया ने अतीक से कुछ सवाल किए थे. जिस पर अतीक ने कहा था कि वो मीडिया के कारण ही अब तक जिंदा है. लेकिन इसके महज 3 दिन बाद यानि शनिवार को ही उसे और उसके भाई अशरफ को मार गिराया गया.

यूपी के अलग-अलग इलाकों के रहने वाले तीन शूटर्स ने इस वारदात को अंजाम दिया. हालांकि, पुलिस ने हमलावरों को मौके से दबोच लिया. इस पूरे हमले को बकायदा मीडिया और पुलिस के सामने अंजाम दिया गया. तीनों आरोपी मीडियाकर्मी बनकर घटनास्थल पर पहुंचे थे. वे सभी पल्सर बाइक पर सवार होकर आए थे. अतीक-अशरफ पर जब फायरिंग हुई, पूरी वारदात कैमरे में भी कैद हो गई.

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अलग-अलग इलाकों के रहने वाले हैं हमलावर
अतीक-अशरफ की हत्या करने वाला लवलेश तिवारी बांदा का रहने वाला है. वहीं, अरुण मौर्य कासगंज का निवासी है. जबकि, तीसरा आरोपी सनी हमीरपुर जनपद से है.

बड़ा माफिया बनना चाहते थे तीनों शूटर्स
पुलिस ने तीनों शूटर्स को गिरफ्तार करके उनसे पूछताछ की. जांच में पता चला कि कि तीनों आरोपियों का पुराना आपराधिक इतिहास रहा है. पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे बड़ा माफिया बनना चाहते हैं. इसलिए इस वारदात को अंजाम दिया. कोर्ट ने अतीक-अशरफ के तीनों हमलावरों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.

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जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन
उधर, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अतीक अहमद और अशरफ हत्याकांड के लिए उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं. कानून व्यवस्था के विशेष महानिदेशक प्रशांत कुमार ने कहा, "मुख्यमंत्री ने अतीक और अशरफ की हत्या की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया है."

अतीक-अशरफ के शव दफनाए
वहीं, पोस्टमार्टम के बाद प्रयागराज के कसारी मसारी कब्रिस्तान में अतीक और अशरफ के शवों को रविवार रात दफना दिया गया. इससे पहले शनिवार को अतीक अहमद के बेटे असद को भी इसी कब्रिस्तान में दफन किया गया है. उसे यूपी एसटीएफ ने गुरुवार को झांसी के बड़ागांव थाना क्षेत्र में एक एनकाउंटर के दौरान ढेर कर दिया था. अतीक के पोस्टमार्टम में खुलासा हुआ कि शूटआउट के दौरान उसके शरीर में कुल 8 गोलियां लगी हैं. वहीं अशरफ को 5 गोलियां लगी हैं.

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तीन बंदूक और कारतूस मिले
बता दें, जहां अतीक और अशरफ को गोली मारी गई, वहां से मौके पर तीन बंदूक और कारतूस मिले हैं. आरोपियों के पास से एक कैमरा, एक माइक आईडी भी बरामद हुई है. घटना के बाद से यूपी में हाई अलर्ट घोषित किया गया है. संवेदनशील इलाकों में पुलिस की गश्ती बढ़ा दी गई है. पुलिस का प्रयास है कि किसी भी तरह से माहौल न बिगड़ने दिया जाए.

सुंदर भाटी नामक गैंगस्टर का कनेक्शन
वहीं दूसरी तरफ, इस हत्याकांड का एक सिरा अनिश्चित तौर पर सुंदर भाटी नाम के गैंगस्टर से भी जुड़ गया है. इस पर उंगलियां उठने की वजह जिगाना पिस्टल है, जिससे अतीक पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई गईं. सूत्रों का कहना है कि अतीक अहमद और अशरफ की हत्या करने वाले सनी सिंह का पश्चिम उत्तर प्रदेश के गैंगस्टर सुंदर भाटी से कनेक्शन था.

हमीरपुर जेल में बंद रहने के दौरान सनी सिंह सुंदर भाटी का करीबी हो गया था और जेल से छूटने के बाद सुंदर भाटी के लिए ही काम करने लगा था. अतीक और अशरफ की हत्या में इस्तेमाल ज़िगाना पिस्टल सुंदर भाटी से मिलने का शक है. अब सवाल है कि अगर सनी का भाटी से संपर्क था तो क्या भाटी और अतीक की कोई दुश्मनी थी?

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