उत्तर प्रदेश एटीएस ने पाकिस्तान के लिए काम करने के आरोप में राजधानी लखनऊ से ISI एजेंट शैलेंद्र कुमार उर्फ शैलेंद्र सिंह को गिरफ्तार किया था. अब उसने पूछताछ में कई अहम खुलासे किए हैं. बता दें कि पकड़ा गया आरोपी शैलेंद्र अरुणाचल प्रदेश में सेना के अस्थाई श्रमिक के तौर पर काम कर चुका है. आरोपी एजेंट कासगंज का रहने वाला है.
एटीएस को जांच के दौरान पता चला है कि ISI हैंडलर हरलीन कौर के नाम से बने फर्जी फेसबुक अकाउंट के जरिए शैलेंद्र से बात कर रहा था. हनी ट्रैप में फंसकर शैलेश कुमार सिंह उर्फ शैलेंद्र सिंह चौहान ISI के लिए जासूसी करने लगा था.
हनी ट्रैप में ISI ने फंसाया
आरोपी हरलीन कौर के साथ-साथ प्रीति नाम की लड़की से भी वो व्हाट्सएप कॉल पर बात करता था. बातचीत के दौरान लड़की ने कहा कि वो ISI के लिए काम करती है, तुम भी काम करो, मदद करोगे तो अच्छी रकम मिलेगी. प्रीति नाम की इस महिला हैंडलर ने उससे सेना से जुड़ी जानकारी मांगी थी.
आर्मी मूवमेंट की फोटो हरलीन कौर नाम के फेसबुक अकाउंट पर वो मैसेंजर के जरिए भेजता था. इसके एवज में शैलेंद्र को अप्रैल महीने में 2000 रुपये भी भेजे गए थे.
प्रीति नाम की लड़की से बातचीत के दौरान दी गई जानकारी पर भी शैलेंद्र को कई बार पैसे मिले थे. हरलीन कौर और प्रीति ISI के हैंडलर थे जो पाकिस्तान में बैठकर भारतीय सेना की जानकारी जुटा रहे थे.
आरोपी ने पूछताछ में बताया कि उसने 8-9 महीने तक सेना में पोर्टर के तौर पर काम किया था जिसके बाद उसे अरुणाचल प्रदेश में सेना के लोकशन की अच्छी जानकारी हो गई थी.
आरोपी शैलेंद्र ने इस दौरान सेना की गाड़ियों की मूवमेंट और लोकेशन को लेकर महत्वपूर्ण तस्वीरें पाकिस्तान भेजी थी. ISI एजेंट शैलेंद्र कुमार अभी भारतीय सेना में किसी पद पर कार्यरत नहीं है लेकिन उसने फेसबुक पर अपनी प्रोफाइल में सेना की ड्रेस में अपनी तस्वीर लगा रखी है.