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प्रयागराज: अपराधियों का तांडव, बम-गोलियों से राजू पाल हत्याकांड के गवाह और गनर को मार डाला, अतीक अहमद पर आरोप

BSP के पूर्व विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह की हमला में जान चली गई है. इस हत्याकांड के मुख्य गवाह की सुरक्षा में दो गनर भी तैनात थे. इस हमले में एक गवाह की मौत हो गई है जबकि दूसरे की हालत गंभीर है. परिवार वालों का आरोप है कि बाहुबली अतीक अहमद के इशारे पर यह हमला हुआ है. 

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राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह की मौत, अतीक अहमद पर आरोप
राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह की मौत, अतीक अहमद पर आरोप

BSP के पूर्व विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल पर बम और गोली से हमला किया गया. इस हमले में उमेश पाल की मौत हो गई. उसकी सुरक्षा में दो गनर भी लगे थे. इनमें से एक की मौत हो गई जबकि दूसरा गनर अस्पताल में भर्ती है. दरअसल गवाह और उसके सुरक्षाकर्मियों पर हमले की यह घटना प्रयागराज के धूमनगंज इलाके में हुई. 

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परिवार वालों का आरोप है कि बाहुबली अतीक अहमद के इशारे पर यह हमला हुआ है. हमले के बाद मौके पर पुलिस के आला अधिकारी पहुंचे और आसपास लगे सीसीटीवी खंगाले जा रहे हैं. CCTV खंगाल कर पुलिस यह पहचानने की कोशिश कर रही है कि यह हमलावर कौन थे.

अतीक अहमद पर हमले का आरोप

घटना में मारे गए उमेश पाल के परिवार के मुताबिक इस हमले के दो आरोपी हैं- दिनेश पासी और बाहुबली अतीक अहमद. घटना प्रयागराज के धूमनगंज इलाके के जयंतीपुर की है.

क्या है मामला?

बता दें कि प्रयागराज में 25 जनवरी 2005 को बीच सड़क पर बीएसपी के पूर्व विधायक राजू पाल की हत्या कर दी गई थी. उसी हत्या के मुख्य गवाह उमेश पाल पर आज जानलेवा हमला हुआ. पहले उमेश पाल को अस्पताल में भर्ती कराया गया बाद में उनकी मौत हो गई. इस हमले में उमेश पाल को गोली और बम लगे थे, साथ ही सुरक्षा में लगे दो गनर में से एक की मौत हो गई जबकि दूसरा गंभीर रूप से घायल है. 

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कोर्ट से लौटते वक्त हुआ अटैक

ऐसा कहा जा रहा है कि कोर्ट से वापस आने के बाद अपने घर के पास जैसे ही उमेश पाल पहुंचे, वैसे ही बदमाशों ने पहले तो उनकी कार पर गोलियों से हमला कर दिया. फिर जब वह कार से निकल कर अपने घर की ओर भागे तो उनके पीछे बम से भी हमला किया.

यह है पूरा मामला 

उल्लेखनीय है कि यूपी में साल 2004 के आम चुनाव में फूलपुर से सपा के टिकट पर अतीक अहमद को सांसद चुना गया था. इसके बाद इलाहाबाद पश्चिम विधानसभा सीट खाली हो गई थी. इस सीट पर हुए उपचुनाव में सपा ने अतीक के छोटे भाई अशरफ को टिकट दिया था. लेकिन बसपा ने उसके सामने राजू पाल को खड़ा किया. उस उपचुनाव में बसपा प्रत्याशी राजू पाल ने अतीक अहमद के भाई अशरफ को हरा दिया था. 

उपचुनाव में जीत दर्ज कर पहली बार विधायक बने राजू पाल की कुछ महीने बाद ही 25 जनवरी, 2005 को दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस हत्याकांड में देवी पाल और संदीप यादव की भी मौत हुई थी. दो अन्य व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गए थे. इस हत्याकांड में सीधे तौर पर सांसद अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ का नाम सामने आया था.

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