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चर्चित टीचर और मोटिवेशनल स्पीकर अवध ओझा आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए हैं. ओझा मूल रूप से यूपी के गोंडा के रहने वाले हैं. यहां उनके माता-पिता और परिजन रहते हैं. बेटे के राजनीति में आने के सवाल पर अवध ओझा के पिता माता प्रसाद ओझा ने 'आजतक' से बातचीत के दौरान कहा कि अगर भगवान ने लिखा होगा तो बेटा प्रधानमंत्री भी बन जाएगा. वैसे भी सबकुछ ईश्वर ही तो कराता है.
बकौल माता प्रसाद ओझा- 'लाल बहादुर शास्त्री जी का भी किसी ने प्रचार नहीं किया था लेकिन वह पीएम बन गए थे. हालांकि, मैं अपने बेटे का प्रचार करने दिल्ली नहीं जाऊंगा.' दरअसल, दिल्ली में अगले साल फरवरी में विधानसभा चुनाव होने हैं और अवध ओझा के चुनाव लड़ने की संभावना जताई जा रही है.
वहीं, अवध ओझा की मां संतोष ओझा जो कांग्रेस से जुड़ी हैं और सिविल बार एसोशिएशन की वरिष्ठ उपाध्यक्ष भी हैं, ने कहा कि बचपन में अवध काफी शैतानी करते थे. अक्सर स्कूल से शिकायत आने पर टीचर के सामने जाना पड़ता था. अवध की सिविल सर्विसेज में जाने की तमन्ना थी लेकिन सेलेक्शन नहीं हुआ. मगर उसने अपनी कोचिंग की बदौलत कई आईएएस और आईपीएस बना दिए. वो जहां भी रहेंगे नाम कमाएंगे.
मां कांग्रेसी, बेटा आम आदमी पार्टी में
कांग्रेसी मां को बेटे अवध ओझा के आम आदमी पार्टी में शामिल होने का कोई मलाल नहीं है. उनका कहना है कि अवध समझदार है, जहां मन किया चले गए, समय बताएगा कि दिल्ली जा पाती हूं या नहीं. हालांकि, यह तो तय है कि अवध शिक्षा के क्षेत्र में कुछ करना चाहते हैं, गरीब बच्चों को आगे बढ़ाना चाहते हैं, राजनीति में आकर यह सब करना और आसान होगा.
दोस्त ने कही ये बात
उधर, गोंडा शहर के प्रतिष्ठित फातिमा कॉलेज में नर्सरी से अवध ओझा के साथ पढ़े लंगोटिया यार और बिजनेसमैन हरपाल सिंह बग्गा कहते हैं कि हमें अवध पर गर्व है. उनकी ख्याति चारों ओर है. दुबई में भी लोग उनके साथ सेल्फी लेने को आतुर रहते हैं. लोगों को उनके मोटिवेशनल स्पीच से बहुत फायदा होता है. चूंकि, दिल्ली में पढ़े-लिखे वोटर की जमात ज्यादा है, सिख तबके के लोग भी अधिक हैं, तो ऐसे में अवध का जीतना तय है.
हरपाल सिंह बग्गा दावा करते है कि आने वाले दिनों में दिल्ली में जब आम आदमी पार्टी की सरकार बनेगी तो दोस्त अवध ओझा उसमें मंत्री बनेंगे. हरपाल के मुताबिक, वह अवध के लिए दिल्ली प्रचार करने भी जाएंगे.
जबकि, पूर्व बीजेपी सांसद बृज भूषण सिंह के समर्थक एवं ग्राम प्रधान और अवध ओझा के बचपन के मित्र सुबोध मिश्रा का कहना है कि अवध के अंदर बचपन से ही कुछ बड़ा करने की कसक थी. सिविल सर्विसेज नहीं क्वालीफाई कर पाए तो बहुतों को अपनी पढ़ाई से वह सपना पूरा कराया. अब राजनीति में आए हैं, बड़ा नाम करेंगे, पढ़े-लिखे लोगों के आने से राजनीति अच्छी होगी. निःसंदेह हम सब अवध के लिए प्रचार करने दिल्ली जाएंगे.
जानिए अवध ओझा के बारे में
आपको बता दें कि गोंडा नगर में पैदा हुए अवध ओझा ने शहर के नामी स्कूल से नर्सरी, केजी और फिर इंटर तक पढ़ाई की. इसके बाद में इलाहाबाद में उच्च शिक्षा हासिल की. अवध ओझा की एक बहन है, जिनकी शादी हो गई है और वह भी दिल्ली में हैं.
उनके 85 वर्षीय पिता माता प्रसाद ओझा डाकपाल थे, जबकि मां श्रीमती संतोष ओझा एडवोकेट हैं. कांग्रेस की नेता संतोष ओझा 2000 से 2005 तक कांग्रेस की महिला विंग की जिलाध्यक्ष भी रही हैं. मौजूदा वक्त में वह सिविल बार एसोशिएशन की वरिष्ठ उपाध्यक्ष हैं. उन्होंने बताया कि उनका गांव-खेत वजीरगंज ब्लॉक के करणीपुर गांव के ओझा पुरवा में है, लेकिन बच्चे गोंडा नगर में ही पले बढे. अवध की शादी इलाहाबाद में हुई थी, जिससे 3 बेटियां हैं और वे देहरादून में पढ़ती हैं.