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ISIS के संपर्क में था अयोध्या का अब्दुल रहमान, राम मंदिर पर हमले की थी प्लानिंग, जानिए और क्या-क्या पता चला?

फरीदाबाद से गिरफ्तार अयोध्या का अब्दुल रहमान ISIS के संपर्क में था. ISIS के हैंडलर अबू सुफियान के संपर्क में आकर अब्दुल रहमान राम मंदिर पर हमले की प्लानिंग में लगा था. आइए जानते हैं पूरी कहानी...

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राम मंदिर पर हमले की फिराक में था अयोध्या का अब्दुल रहमान
राम मंदिर पर हमले की फिराक में था अयोध्या का अब्दुल रहमान

हरियाणा के फरीदाबाद से गिरफ्तार अयोध्या का अब्दुल रहमान ISIS के संपर्क में था. ISIS के हैंडलर अबू सुफियान के संपर्क में आकर अब्दुल रहमान राम मंदिर पर हमले की प्लानिंग में लगा था. हैदराबाद माड्यूल से जुड़े अबू सुफियान ने ही अब्दुल रहमान को राम मंदिर पर हमला करने के लिए उकसाया था. 

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अबू सुफियान के संपर्क में आने के बाद ही अब्दुल रहमान सोशल मीडिया पर हथियार चलाने के वीडियो अपलोड करने लगा जिससे वो सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर आ गया. अब्दुल रहमान की गिरफ्तारी के अगले दिन और बीते शनिवार को हुई छापेमारी में उसके घर से लकड़ी की बंदूक, एयर गन, रॉकेट लांचर, पिस्तौल और हैंड ग्रेनाइट के डमी भी बरामद हुए थे. 

अब्दुल रहमान की निशानदेही पर ही सुरक्षा एजेंसियों ने बरामद ये डमी हथियार किए थे. फिलहाल, यूपी एटीएस समेत तमाम सुरक्षा एजेंसी उससे पूछताछ कर रही हैं. अब अयोध्या/फैजाबाद में अब्दुल रहमान के मददगारों की भी तलाश की जा रही है. 

बता दें कि 2 मार्च को गुजरात एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (ATS) और फरीदाबाद स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने संयुक्त ऑपरेशन में आतंकी कनेक्शन के संदेह में अब्दुल रहमान (19) को गिरफ्तार किया था. वह उत्तर प्रदेश के फैजाबाद (अयोध्या) का निवासी है. संदिग्ध को फरीदाबाद से गिरफ्तार किया गया, जहां वह आतंकी साजिश को अंजाम देने की तैयारी में था. उसके पास से दो हैंड ग्रेनेड बरामद किए गए थे, जिन्हें सुरक्षा एजेंसियों ने तुरंत निष्क्रिय करा दिया.

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पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तार संदिग्ध अब्दुल रहमान पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के संपर्क में था और उसे अयोध्या के राम मंदिर पर आतंकी हमले के लिए तैयार किया गया था. जांच में खुलासा हुआ है कि रहमान कई कट्टरपंथी जमातों से जुड़ा हुआ था और फैजाबाद में एक मटन शॉप चलाता था.

जांच में यह भी सामने आया है कि अब्दुल रहमान पहले भी कई बार अयोध्या के राम मंदिर की रेकी कर चुका था और उसने वहां की सुरक्षा व्यवस्था से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी ISI को साझा की थी. आतंकियों का मकसद राम मंदिर पर हैंड ग्रेनेड से हमला कर बड़े पैमाने पर तबाही मचाना था.

दरअसल, इस ऑपरेशन को अंजाम देने में गुजरात ATS की भूमिका बेहद अहम रही. ATS को इनपुट मिला था कि एक संदिग्ध आतंकी भारत में सक्रिय है, जो आतंकी संगठन के निर्देश पर किसी बड़े हमले की तैयारी में जुटा हुआ है. इस जानकारी के आधार पर गुजरात ATS और फरीदाबाद STF ने जाल बिछाया और संदिग्ध को गिरफ्तार किया.

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