scorecardresearch
 

रात में खुली अदालत, जज ने घर में बिठाई बेंच, रेलवे-सरकार से सख्त सवाल... ट्रेन में महिला सिपाही से दरिंदगी में अब तक क्या हुआ?

Ayodhya Female Constable Case: इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने इस मामले पर गहरी नाराजगी जताई है. हाईकोर्ट ने इस मामले में सुओ मोटो लेकर रविवार को छुट्टी के दिन भी रात के वक्त सुनवाई की. चीफ जस्टिस के आवास पर स्पेशल बेंच बिठाई गई, जहां सुनवाई के दौरान रेलवे और यूपी सरकार से जवाब-तलब किया गया.

Advertisement
X
अयोध्या में महिला सिपाही से बर्बरता मामले में इलाहाबाद HC ने स्वतः संज्ञान लिया
अयोध्या में महिला सिपाही से बर्बरता मामले में इलाहाबाद HC ने स्वतः संज्ञान लिया

योगी सरकार अगर सूबे कानून व्यवस्था को लेकर सबसे बड़ा दावा करती है तो वह है महिला सुरक्षा का, लेकिन जिस तरीके से अयोध्या में ट्रेन के भीतर एक महिला सिपाही (हेड कॉन्स्टेबल) लहूलुहान और तार-तार हालत में मिली उसने सरकार के दावों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. महिला सिपाही के साथ हुई दरिंदगी की वजह से वो आज भी जिंदगी और मौत के बीच लखनऊ के केजीएमयू अस्पताल में झूल रही है. 

Advertisement

ये वाक्या इतना गंभीर है कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए इसकी सुनवाई में एक इतिहास रच दिया. इलाहाबाद हाई कोर्ट की चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर ने मीडिया में आई खबरों का खुद संज्ञान लेते हुए रविवार की रात को अपने घर पर एक विशेष अदालत बिठाई और सरयू एक्सप्रेस ट्रेन में महिला सिपाही के साथ हुई दरिंदगी को लेकर पहले PIL कराई और फिर इस मामले पर देर रात सुनवाई की. 

छुट्टी के दिन बैठी कोर्ट, देर रात हुई सुनवाई

चीफ जस्टिस ने देर रात बुलाई अपनी स्पेशल बेंच में न सिर्फ नाराजगी जताई बल्कि स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार और रेलवे को नोटिस जारी किया. साथ ही सोमवार 12:00 बजे दोबारा से इस मामले की सुनवाई का वक्त दिया है. जिसमें सरकार को कुछ जवाब के साथ हाजिर रहने का आदेश दिया गया है. यही नहीं एडिशनल सॉलिसिटर जनरल को भी अदालत में मौजूद रहने का आदेश दिया है. 

Advertisement

बता दें कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने छुट्टी वाले दिन (रविवार) रात 9:00 बजे विशेष बेंच बनाकर इसकी सुनवाई की. जिसमें खुद चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर और जस्टिस आशुतोष श्रीवास्तव के डिवीजन की विशेष बेंच ने दलील सुनी. इससे पहले हाई कोर्ट के वकील रामकुमार कौशिक ने इस मामले में पीआईएल दाखिल कर अपील की थी. 

चीफ जस्टिस के आवास पर बैठी स्पेशल बेंच 

बीती रात इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के आवास पर बैठी स्पेशल बेंच ने सुनवाई के बाद रेलवे और यूपी सरकार से जवाब तलब किया. आज (सोमवार) सुनवाई के दौरान जांच से जुड़े किसी सीनियर अफसर को भी पेश होने को कहा है. अफसर को कोर्ट में मौजूद होकर यह बताना होगा कि इस मामले में अब तक क्या एक्शन हुआ है. सरकार को यह भी बताना होगा कि इस मामले में अभी तक आरोपियों की पहचान व गिरफ्तारी हुई है या नहीं. 

महिला सिपाही की हालत गंभीर बनी हुई है 

फिलहाल, पीड़ित महिला सिपाही की हालत गंभीर बनी हुई है और उसे होश नहीं आया है. लखनऊ के केजीएमयू के आईसीयू में उसका इलाज चल रहा है. बताया जा रहा है कि उसके सिर में चोट लगी है और चेहरे को बुरी तरीके से क्षतिग्रस्त किया गया है. 

Advertisement

अस्पताल में महिला सिपाही के भाई से जब 'आजतक' ने बात की तो उसने बताया कि उसे नहीं पता कि उनकी बहन के साथ किसने इस घटना को अंजाम दिया और क्यों? अब पुलिस ही अपनी जांच में सब बता पाएगी. 

अब तक खाली हाथ है पुलिस 

गौरतलब है कि बीते 29 अगस्त को मनकापुर से अयोध्या आ रही सरयू एक्सप्रेस में महिला सिपाही पर हुए जानलेवा हमले की घटना को 6 दिन बीतने के बाद भी यूपी पुलिस खाली हाथ है. महिला के चेहरे पर धारदार हथियार से हमला किया गया, दो जगह से सिर में फ्रैक्चर है. उसकी हालत गंभीर बनी हुई है. लखनऊ केजीएमसी में उसका इलाज चल रहा है. एसपी जीआरपी, सीओ जीआरपी घटना के बाद से ही अयोध्या में कैंप कर रहे हैं. लेकिन 6 दिन बाद भी पुलिस अब तक इस घटना की सही वजह नहीं तलाश कर पाई है. 

मामले को लेकर पूजा यादव (एसपी जीआरपी) ने बताया कि मेडिको लीगल और एफएसएल की रिपोर्ट में किसी भी प्रकार के सेक्सुअल एसोल्ट की पुष्टि नहीं हुई है. पुलिस टीम जल्द ही का खुलासा करेगी. 

जानिए पूरा मामला क्या है?

बीते 29 अगस्त की सुबह 4:00 बजे अयोध्या रेलवे स्टेशन पर उस समय हड़कंप मच गया जब सरयू एक्सप्रेस की जनरल बोगी में सीट के नीचे महिला हेड कॉन्स्टेबल खून से लथपथ पड़ी मिली. जीआरपी के जवान मौके पर पहुंचे तो महिला के कपड़े अस्त-व्यस्त थे. वो सीट के नीचे पड़ी थी. उसके चेहरे से खून से रिस रहा था. आनन-फानन में महिला को लखनऊ केजीएमसी में भर्ती कराया गया. 6 दिन बाद डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर उसे बचा तो लिया लेकिन अभी भी वह बोलने की स्थिति में नहीं है. अब तक महिला सिपाही के साथ दुष्कर्म या छेड़खानी की पुष्टि नहीं हुई है. 

Advertisement

ये भी पढ़ें- महिला हेड कांस्टेबल पर चलती ट्रेन में हमला, धारदार हथियार से सिर-आंख पर किए कई वार

वारदात के बाद से एसपी जीआरपी पूजा यादव, सीओ जीआरपी संजीव सिन्हा लगातार मनकापुर और अयोध्या रेलवे स्टेशन के बीच सुराग तलाश रहे हैं, कैंप कर रहे हैं. घटना को एक सप्ताह बीत चुका है लेकिन अब तक पुलिस घटना की वजह को ही नहीं तलाश पाई है कि आखिर महिला कॉन्स्टेबल के ऊपर यह जानलेवा और खौफनाक हमला किया तो किसने किया और क्यों किया?

अब तक की जांच में क्या पता चला?

अब तक की जांच में पता चला है कि 29 अगस्त को प्रयागराज से चलकर मनकापुर तक आने वाली सरयू एक्सप्रेस पर महिला कॉन्स्टेबल शाम 6.45 बजे फाफामऊ स्टेशन से चढ़ी थी. ट्रेन करीब 12:00 बजे अयोध्या कैंट स्टेशन पहुंची, जहां महिला कॉन्स्टेबल को उतरना था क्योंकि उसकी हनुमानगढ़ी पर मेला में ड्यूटी लगाई गई थी. लेकिन देर रात होने के चलते आशंका जताई जा रही कि महिला कांस्टेबल की नींद लग गई और वह 1:00 बजे सरयू एक्सप्रेस से मनकापुर स्टेशन पहुंच गई. 

चूंकि, ट्रेन एक घंटा यार्ड में रुकने के बाद वापस अयोध्या आती है लिहाजा स्टेशन छूटने के चलते महिला कॉन्स्टेबल मनकापुर स्टेशन पर ट्रेन में ही रुकी रही. 1 घंटे बाद मनकापुर से सरयू एक्सप्रेस 3.05 AM पर चली और 3.45 पर अयोध्या स्टेशन पहुंची थी. अयोध्या स्टेशन पर ही जीआरपी को सूचना मिली कि ट्रेन की जनरल बोगी में सीट के नीचे बहुत खून पड़ा है. पुलिसकर्मी ट्रेन के अंदर गए तो देखा एक महिला वर्दी में बुरी तरीके से जख्मी हालत में पड़ी है. 

Advertisement

बताया जा रहा है कि 43 वर्षीय महिला कॉन्स्टेबल 1998 बैच की सिपाही है. वो स्पोर्ट्स कोटे से पुलिस में भर्ती हुई थी. वो प्रयागराज के भदरी सोरांव इलाके की रहने वाली है. 

Advertisement
Advertisement