अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण तेज गति से चल रहा है. निर्माणाधीन राम मंदिर के ग्राउंड फ्लोर पर निर्माण कार्य लगभग पूरा होने की ओर है. निर्माण कार्य पूरा होने की ओर है तो वहीं, अब दरवाजे और खिड़कियों को लेकर तैयारी शुरू हो गई है. राम मंदिर में लगने वाले दरवाजे और खिड़कियों के निर्माण के लिए लकड़ी भी अयोध्या पहुंच चुकी है.
राम मंदिर के दरवाजे महाराष्ट्र के चंद्रपुर की सागौन की लकड़ी से बनाए जाएंगे. इसके लिए सागौन की लकड़ी की पहली खेप चंद्रपुर से अयोध्या पहुंच गई है. बताया जाता है कि दरवाजे का निर्माण कार्य भी विधि-विधान के साथ आयोजित कार्यक्रम के बाद होगा जिसे काष्ठ समर्पण समारोह नाम दिया गया है. इस समारोह का आयोजन 26 से 30 जून के बीच किए जाने की संभावना है.
काष्ठ समर्पण समारोह की तारीख अभी तय नहीं है. जानकारी के अनुसार इस काष्ठ समर्पण समारोह में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी मौजूद रहेंगे. काष्ठ समर्पण समारोह के आयोजन की तैयारियां भी शुरू कर दी गई हैं. इस कार्यक्रम के लिए तारीख जल्द ही निर्धारित किए जाने की संभावना है.
ऐसे ही नहीं हुआ सागौन का चयन
राम मंदिर में जितने भी दरवाजे लगने हैं, उनका निर्माण महाराष्ट्र के चंद्रपुर की सागौन की लकड़ी से किया जाएगा. राम मंदिर के दरवाजों के लिए सागौन की लकड़ी का चयन भी ऐसे ही नहीं कर लिया गया. इसके लिए भी गहन शोध के साथ ही विशेषज्ञ टीमों की सलाह भी ली गई. काफी मंथन के बाद चंद्रपुर के सागौन की लकड़ी का चयन किया गया.
देहरादून के इंस्टीट्यूट ने दिया था सुझाव
देहरादून के फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट ने चंद्रपुर के सागौन को सबसे टिकाऊ माना था. इसी इंस्टीट्यूट ने राम मंदिर के दरवाजे चंद्रपुर के सागौन की लकड़ी से कराने का सुझाव राम मंदिर ट्रस्ट को दिया था. कहा जा रहा है कि इस लकड़ी के इन दरवाजों की उम्र कई सौ साल होगी. गौरतलब है कि राम मंदिर के ग्राउंड फ्लोर पर ही 14 दरवाजे लगने हैं. इसमें गर्भगृह का भव्य दरवाजा भी शामिल है.