अयोध्या में राम मंदिर निर्माण काम जोरों पर चल रहा है. भव्य मंदिर का भूतल तैयार हो गया है. अब श्रद्धालुओं को दर्शन का इंतजार है. जनवरी से श्रद्धालु रामलला के दर्शन कर पाएंगे. जनवरी में प्राण-प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियां भी तेज हो गईं हैं. मंदिर निर्माण और प्राण प्रतिष्ठा समारोह की रूपरेखा बनाए जाने लगी है. खबर है कि राम लला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा 16 से 24 जनवरी के बीच हो सकती है.
सूत्रों के मुताबिक, अगले साल 16 से 24 जनवरी के बीच राम लला की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा की जाएगी. इन्हीं तारीखों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से समय मांगा गया है. तारीख मिलते ही शेड्यूल फाइनल कर दिया जाएगा. राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट मानना है कि अयोध्या में सिर्फ एक कार्यक्रम होना चाहिए और वो भी गैर राजनीतिक. कोई मंच नहीं बनेगा. इस कार्यक्रम में आमंत्रित VIPs को बोलने का थोड़ा-थोड़ा समय दिया जाएगा. प्राण-प्रतिष्ठा के दिन अयोध्या में कोई जनसभा नहीं होगी. कार्यक्रम में संघ के शीर्ष नेता मौजूद रहेंगे.
कार्यक्रम का होगा लाइव प्रसारण
देश-भर में इस कार्यक्रम के प्रसारण की तैयारी की जा रही है. प्राण-प्रतिष्ठा के दिन अपने गांव, अपने शहर और अपन मंदिर में लोग ये कार्यक्रम देख सकेंगे. बताते चलें कि मंदिर का कार्य अक्टूबर तक पूरा होने की उम्मीद है. ऐसे में मंदिर के स्तम्भों को लेकर भी एक फैसला किया गया है. मंदिर के स्तम्भों पर देवी देवताओं की 6 हजार से ज्यादा मूर्तियां उकेरी जाएंगी. अभी ग्राउंड फ्लोर के स्तम्भों पर मूर्ति उकेरने का काम तेजी से चल रहा है.
इसमें अलग-अलग मूर्तियों के अलावा हिंदू धर्म के शुभ चिह्नों को भी स्थान दिया गया है. स्तम्भों पर मूर्ति उकेरने के माहिर उड़ीसा के कलाकारों और शिल्पकारों को ये जिम्मेदारी दी गई है. फिलहाल ग्राउंड फ्लोर के कुछ स्तम्भों पर मूर्तियां बनायी जा रही हैं. उनका अध्ययन कर इस बात की समीक्षा की गई कि किस तरह की मूर्तियां बनायी जा रही हैं. मंदिर के लोअर प्लिन्थ में कुछ पैनल्स भी बनाए जाने हैं.
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रामकथा के प्रसंगों से सजे दिखेंगे पैनल्स
मंदिर के परकोटे में भी पैनल्स लगाए जाएंगे. ये पैनल्स कांस्य (bronze) के होंगे. इनमें वाल्मीकि रामायण के प्रसंगों को दिखाया जाएगा. अभी इस बात का चयन होना है कि कौन से प्रसंग होंगे. मंदिर का प्रवेश द्वार भव्य और आकर्षक हो इस पर भी बैठक में चर्चा की गई. ये तय किया गया कि मंदिर के प्रवेश द्वार पर हनुमान और गरुड़ की मूर्ति होगी. ये किस पत्थर से तैयार किया जाए? इस पर भी बैठक में चर्चा हुई.
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पीएम ने किया था भूमिपूजन
इससे पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में 5 अगस्त 2020 को राम मंदिर के लिए भूमि पूजन किया था. इस कार्यक्रम में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी हिस्सा लिया था. 'श्री राम जन्मभूमि मंदिर' की आधारशिला रखने के समारोह से पहले प्रधानमंत्री ने हनुमानगढ़ी मंदिर में पूजा-अर्चना में भाग लिया था. पीएम ने 'भगवान श्री रामलला विराजमान' में पूजा-अर्चना भी की थी. उन्होंने पारिजात का पौधा भी लगाया था.
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