अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा की रूपरेखा तय हो गई है. 22 जनवरी, 2024 को मुख्य प्राण प्रतिष्ठा समारोह होगा लेकिन उससे पहले ही कई तरीके के पूजा-पाठ और अनुष्ठान शुरू हो जाएंगे. 15 जनवरी को रामलला के विग्रह (रामलला के बालरूप की मूर्ति) को गर्भगृह में स्थापित किया जाएगा.
16 जनवरी से विग्रह के अधिवास का अनुष्ठान भी शुरू हो जाएगा, जो कि प्राण प्रतिष्ठा का पहला कार्यक्रम है. फिर 17 जनवरी को रामलला के विग्रह को नगर भ्रमण के लिए निकाला जाएगा. इसके बाद 18 जनवरी से प्राण प्रतिष्ठा की विधि प्रारंभ होगी और 19 जनवरी को यज्ञ अग्नि की स्थापना की जाएगी.
20 जनवरी को गर्भगृह को 81 कलश सरयू जल से धोने के बाद वास्तु की पूजा होगी. 21 जनवरी को रामलला को तीर्थों के 125 कलशों के जल से स्नान कराया जाएगा. आखिर में 22 जनवरी को मध्यान्ह मृगशिरा नक्षत्र में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी. इस मौके पर पीएम मोदी मुख्य यजमान होंगे. देश-विदेश से बड़ी संख्या में वीवीआईपी मेहमान भी उपस्थित रहेंगे.
प्राण प्रतिष्ठा के लिए महज 84 सेकंड का मुहूर्त
बता दें कि 22 जनवरी को अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए 84 सेकंड का अति सूक्ष्म मुहूर्त होगा, जिसमें रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी. काशी के ज्योतिषाचार्य पंडित गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ ने ये मुहूर्त चुना है. ये शुभ मुहूर्त का यह क्षण 84 सेकंड का मात्र होगा जो 12 बजकर 29 मिनट 8 सेकंड से 12 बजकर 30 मिनट 32 सेकंड तक होगा.
अयोध्या बनेगा छावनी
रामनगरी में 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह से ठीक पहले अयोध्या का चप्पा-चप्पा सुरक्षा के घेरे में लाया जा रहा है. राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर योगी सरकार ने सुरक्षा व्यवस्था का पूरा खाका तैयार किया है. प्राण-प्रतिष्ठा से पहले अयोध्या की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है. इसके चलते सीआरपीएफ, यूपीएसएसएफ, पीएसी और सिविल पुलिस चप्पे-चप्पे पर मौजूद रहेगी. तकनीक का इस्तेमाल भी किया जा रहा है. एआई बेस्ड सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जाएगी. अयोध्या में बिना अनुमति ड्रोन उड़ाने पर बैन रहेगा.