उत्तर प्रदेश के अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर के निर्माण में NRI रामभक्त नवंबर से अंशदान कर पाए पाएंगे. श्रीराम ट्रस्ट इसके लिए औपचारिकताओं को जल्द पूरा कर लेगा. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को देश से बाहर रहने वालों से अंशदान या सहयोग राशि मिल सके, इसके लिए औपचारिकताओं को लगभग पूरा कर लिया है.
उम्मीद की जा रही है कि नवंबर में गृह मंत्रालय (MHA) से इस बात की मंजूरी मिल जाएगी. अगर ऐसा हुआ तो जनवरी 2024 में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पूर्व ही NRI और विदेशों में रहने वाले रामभक्त मंदिर के लिए अंशदान कर सकेंगे. नवंबर में ट्रस्ट का विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (FCRA) के तहत रजिस्ट्रेशन हो जाएगा.
फरवरी 2020 में हुआ था श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का गठन
ट्रस्ट कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, ट्रस्ट का NRI या FCRA अकाउंट पार्लियामेंट स्ट्रीट स्थित SBI की मुख्य शाखा में खोला जाएगा. नवंबर 2019 में रामलला विराजमान के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया था. इसके बाद मंदिर निर्माण की पहल के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का गठन फरवरी 2020 में हुआ. ट्रस्ट के रजिस्ट्रेशन के साथ भारतीय नागरिकों से अंशदान या सहयोग राशि का रास्ता साफ हो गया था.
छह महीने में होता है FRCA का Clearance
विदेश से अंशदान के लिए नियम के तहत FCRA के तहत रजिस्ट्रेशन होना था. सूत्रों के अनुसार, ट्रस्ट ने इस साल मई में FCRA के तहत रजिस्ट्रेशन के लिए Apply किया. इसमें प्रक्रिया के अनुसार, 3 वर्ष का ट्रस्ट के बैंक अकाउंट का डॉक्यूमेंट लगाया. आमतौर पर FRCA के clearance के लिए 6 महीने का वक्त लगता है. नवंबर में नियमानुसार 6 महीने पूरे हो रहे हैं. ऐसे में नवंबर में ये अकाउंट खुलने की उम्मीद है. इसके बाद विदेशों से राम मंदिर के लिए अंशदान मिलना संभव होगा.
ट्रस्ट अपनी वेबसाइट पर देगा जानकारी
ट्रस्ट कार्यालय के अनुसार, अभी मंदिर निर्माण पूरा नहीं हुआ है, इसी बीच महीने में डेढ़ करोड़ रुपये का अंशदान (चंदा) रामलला के भारत में रहने वाले भक्त कर रहे हैं. अब रामलला के विराजमान होने से पहले विदेशों में बसे भक्त भी अंशदान कर पाएंगे. विदेशों से भी लोगों ने अंशदान करने की इच्छा जताई थी. मंजूरी मिलने के बाद ट्रस्ट अपनी वेबसाइट पर इसकी जानकारी लोगों को देगा.