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'ईश्वरीय शक्ति है...', धीरेंद्र शास्त्री को लेकर मचे बवाल पर चंपत राय का बयान

बागेश्वर धाम सरकार के पीठाधीश्वर एवं कथा वाचक आचार्य धीरेंद्र शास्त्री इन दिनों चर्चा में हैं. 26 साल के आचार्य धीरेंद्र बिना कोई सवाल पूछे लोगों की परेशानियां जान लेने और उनके निदान बताने का दावा करते हैं. इसी मामले में अंधश्रद्धा उन्मूलन समिति ने कथावाचक पर जादू-टोने और अंधश्रद्धा फैलाने का आरोप लगाया था.

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बागेश्वर वाले बाबा धीरेंद्र शास्त्री, विहिप नेता चंपत राय
बागेश्वर वाले बाबा धीरेंद्र शास्त्री, विहिप नेता चंपत राय

विश्व हिंदू परिषद के नेता चंपत राय ने बागेश्वर धाम सरकार के पीठाधीश्वर एवं कथा वाचक आचार्य धीरेंद्र शास्त्री को लेकर मचे बवाल पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि ईश्वरीय शक्ति है, जो किसी को भी मिल सकती है. आलोचना करने का भी सबको अधिकार है. चंपत राय ने ये बातें यूपी के कानपुर में कहीं. वो विश्व हिंदू परिषद कानपुर प्रांत कार्यालय में आयोजित बैठक में पहुंचे थे.

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आलोचना करने वाले भी स्वतंत्र

वीएचपी केंद्रीय उपाध्यक्ष और श्रीराम जन्मदभूमि तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चंपत राय ने धीरेंद्र शास्त्री के मामले पर कहा कि धर्म, श्रद्धा का विषय है. जिसकी श्रद्धा हो जाए, न हो तो न जाए. कुछ लोगों को ईश्वरीय शक्ति जन्म के साथ मिलती है. मानने वालों के साथ ही आलोचना करने वाले भी स्वतंत्र हैं. 

बीजेपी और वीएचपी के विचार एक

उन्होंने राम मंदिर मामले में सवाल खड़े करने वालों के लिए कहा कि कोर्ट, पुलिस और इनकम टैक्स विभाग का दरवाजा खुला है. जिसको शिकायत करना है, वो कर सकता है. चंपतराय ने कहा कि बीजेपी और वीएचपी के विचार एक है. विश्व हिंदू परिषद मजहबी कट्टरता के विरुद्ध हर मोहल्ले और गांव तक जाकर हिंदुओं को सक्रिय करेगा. उन्होंने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा पर भी प्रतिक्रिया दी. कहा कि राहुल पहली बार भारत को देखने निकले हैं. 

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क्या है धीरेंद्र शास्त्री से जुड़ा विवाद

गौरतलब है कि महाराष्ट्र के नागपुर में पिछले दिनों बागेश्वर धाम सरकार के नाम से विख्यात धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने 'श्रीराम चरित्र-चर्चा' का वाचन किया था. वहां अंधश्रद्धा उन्मूलन समिति ने कथावाचक शास्त्री पर जादू-टोने और अंधश्रद्धा फैलाने का आरोप लगाया था.

समिति के अध्यक्ष श्याम मानव ने कहा था कि 'दिव्य दरबार' और 'प्रेत दरबार' की आड़ में जादू-टोना को बढ़ावा दिया जा रहा है. अंध श्रद्धा उन्मूलन समिति का कहना है कि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को चैलेंज दिया गया था कि आप हम लोगों के बीच दिव्य चमत्कारी दरबार लगाएं और सत्य बता देने पर आपको 30 लाख रुपये भेंट स्वरूप राशि दी जाएगी.

मगर दावा किया गया है कि अंध श्रद्धा उन्मूलन समिति की वजह से दो दिन पहले ही यानी 11 जनवरी को ही धीरेंद्र शास्त्री ने कथा समाप्त की दी. ऐसा इसलिए क्योंकि समिति ने महाराष्ट्र के अंधश्रद्धा विरोधी कानून के तहत धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर एफआईआर दर्ज करने की शिकायत दी थी.

 

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