संभल में मोहम्मद गजनवी के भांजे सैयद सालार मसूद गाजी की याद में हर साल लगने वाले नेजा मेले की परमिशन प्रशासन ने नहीं दी है. पुलिस-प्रशासन द्वारा सैयद सालार मसूद गाजी को 'लुटेरा' और 'अक्रांता' कहा गया है. सालार मसूद गाजी की कब्र बहराइच जिले में स्थित है. यहां दरगाह बनी हुई है, जहां लगने वाले 'जेठ मेले' में हजारों लोग आते हैं. लेकिन अब इस मेले पर भी रोक लग सकती है. हिंदू संगठन इसको लेकर लामबंद हो गए हैं. उन्होंने प्रशासन से मेले की इजाजत नहीं देने की मांग की है.
दरअसल, बहराइच में सैयद सालार मसूद गाजी की दरगाह पर पर साल 'जेठ मेले' का आयोजन होता है. पूरे 1 महीने के लिए इस मेले का आयोजन किया जाता है. मगर इस बार इस मेले पर संशय के बादल मंडरा रहे हैं. माना जा रहा है कि मसूद गाजी को लेकर हो रहे विवाद के चलते इस बार दरगाह पर लगने वाला ये मेला टल सकता है.
आपको बता दें कि बहराइच में सालार मसूद गाजी की दरगाह पर लगने वाले पूर्वी भारत के सबसे बड़े एक मासीय 'जेठ मेले' की ठेका नीलामी अचानक स्थगित कर दी गई है. इसके पीछे अभी तक कोई वजह सामने नहीं आई है. बीते रविवार के दिन सालार मसूद गाजी की दरगाह पर स्थित गोल कमरे में हर साल की तरह वार्षिक ठेकों की नीलामी होनी थी. मगर, इस नीलामी को अचानक रोक दिया गया है. 'जेठ मेला' 2025-26 के लिए अभी तक नीलामी नहीं हो पाई है.
मालूम हो कि ठेके की वार्षिक नीलामी से सालार मसूद गाजी की दरगाह वक्फ नंबर-19 को हर साल करोड़ों का लाभ होता है. चयनित ठेकेदार ठेका नीलामी के जरिए दरगाह पर लगने वाले 'जेठ मेले' में दुकानदारों से खूब पैसा वसूलते हैं. मेले के चलते दुकानदारों की भी जमकर कमी होती है. हालांकि, इस बार सालार मसूद गाजी को लेकर जारी विवाद के कारण इस मेले पर अंधेरे के बादल छा गए हैं.
गौरतलब है कि बीते 20 मार्च को बहराइच में सीएम योगी ने सालार मसूद गाजी का बिना नाम लिए उसे 'आक्रांता' बताकर तीखा हमला बोला था. उन्होंने कहा था की आक्रांताओं का महिमा मंडन देशद्रोह की नींव को पुख्ता करना है. सीएम ने सालार मसूद गाजी को युद्ध में हराकर मार डालने वाले महाराजा सुहेलदेव को बहराइच की पहचान बताया था और उनके शौर्य की तारीफ की थी.