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बहराइच हिंसा: '...तो बच जाती रामगोपाल की जान', बाइक से ले जाना पड़ा था अस्पताल, तब तक चल रही थी सांसें

Bahraich Violence: आरोप है कि यदि मौके पर मौजूद तहसीलदार ने अपना वाहन दे दिया होता तो रामगोपाल मिश्रा की जान बच सकती थी. क्योंकि, बाइक से अस्पताल ले जाने में काफी वक्त लग गया. 

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बहराइच: घायल रामगोपाल को बाइक से ले गए अस्पताल
बहराइच: घायल रामगोपाल को बाइक से ले गए अस्पताल

बहराइच हिंसा में मारे गए रामगोपाल मिश्रा को बाइक से लाने का वीडियो सामने आया है. इस वीडियो में रामगोपाल जीवित था. अस्पताल पहुंचने के बाद उसने दम तोड़ा. आरोप है कि यदि मौके पर मौजूद तहसीलदार ने अपना वाहन दे दिया होता तो रामगोपाल मिश्रा की जान बच सकती थी. क्योंकि, बाइक से अस्पताल ले जाने में काफी वक्त लग गया. 

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मालूम हो कि बहराइच के थाना हरदी क्षेत्र स्थित महराजगंज कस्बे में बीते 13 अक्टूबर को विसर्जन जुलूस के दौरान रामगोपाल मिश्रा की गोली लगने से मौत हो गई थी. जिसके बाद में बड़े पैमाने पर हिंसा फैली. पिछले कई दिनों से उस घटना के वीडियोज सामने आ रहे हैं. इस कड़ी में अब एक नया वीडियो सामने आया है, जो घटना में गोली लगने से घायल रामगोपाल मिश्रा का बताया जा रहा है. 

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मात्र 6 सेकेंड के इस वीडियो में बहराइच मेडिकल कालेज के इमरजेंसी वार्ड के सामने बाइक पर दो लोगों के बीच लाल शर्ट में अचेत अवस्था में बैठा एक युवक दिखाई पड़ रहा है. जो उस दौरान जीवित नजर आ रहा है. स्थानीय लोगों के मुताबिक, ये वीडियो 13 अक्टूबर की शाम महराजगंज बाजार में गोली लगने से घायल रामगोपाल मिश्रा का है, जिसे जुलूस में शामिल लोग कोई चौपहिया वाहन न मिलने के बाद बाइक से लेकर बहराइच मेडिकल कालेज की इमरजेंसी वार्ड पहुंचे थे. लेकिन वहां डाक्टरों ने उसको मृत घोषित कर दिया था. 

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बता दें कि महसी तहसीलदार पर आरोप है कि उन्होंने घायल रामगोपाल को बहराइच मेडिकल कालेज ले जाने के लिए अपना वाहन देने से मना कर दिया था. हालांकि, रामगोपाल की मौत के बाद फैली हिंसा के बाद तहसीलदार सस्पेंड हो चुके हैं.

मृतक रामगोपाल के परिजनों के आरोप के मुताबिक, घटना के दौरान गोली लगने से जब रामगोपाल गंभीर रूप से घायल हो गया तो उसके बाद उसे अस्पताल लाने के लिए कोई वाहन नहीं मिला. जिस पर लोगों ने स्थानीय महसी तहसीलदार रविकांत द्विवेदी से उनका वाहन देने की अपील की. लेकिन कथित तौर पर तहसीलदार ने उन्हें अपना वाहन देने से मना कर दिया. फिलहाल, परिजनों के आरोप के बाद डीएम बहराइच ने तहसीलदार को लापरवाही के आरोप में जिला मुख्यालय से संबद्ध कर उसकी जांच शुरू कराई है. 

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जानिए पूरा मामला 

दरअसल, बहराइच के थाना हरदी क्षेत्र के रेहुआ मंसूर गांव निवासी रामगोपाल मिश्रा घटना वाले दिन शाम करीब 6 बजे दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के लिए निकले जुलूस में शामिल था. ये जुलूस जब महराजगंज बाजार में समुदाय विशेष के मोहल्ले से गुजर रहा था तो दो पक्षों में कहासुनी हो गई. आरोप है कि इस दौरान छतों से पत्थर फेंके जाने लगे, जिससे विसर्जन में भगदड़ मच गई. इसी बीच एक छत पर चढ़े रामगोपाल को गोली मार दी गई. 

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रामगोपाल की मौत की खबर के बाद महराजगंज कस्बे में बवाल शुरू हो गया. आक्रोशित प्रदर्शनकारियों ने आरोपी के घर समेत कई वाहनों में तोड़फोड़ की और उसमें आग लगा दी. इस बीच सोमवार को जब मृतक का शव गांव पहुंचा तो भीड़ फिर गुस्साकर बेकाबू हो गई. इस दौरान महराजगंज क्षेत्र में कई घरों, नर्सिंग होम, बाइक शोरूम और दुकानों में आगजनी और तोड़फोड़ की गई. वहीं, पुलिस ने बेकाबू भीड़ को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े. हालात बिगड़ते देख इंटरनेट सेवा पूरे जिले में बंद कर दी गई. पीएसी, आरएएफ को सड़क पर उतार दिया गया. खुद एसटीएफ चीफ पिस्टल लेकर सड़क पर निकल पड़े. घटना के दूसरे दिन शाम को हालात थोड़े सामान्य हुए. 

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