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Gopal Mishra Bahraich: बहराइच हिंसा में जान गंवाने वाले रामगोपाल मिश्रा की पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आई है. हत्यारोपियों ने रामगोपाल को गोली मारकर मौत के घाट उतारा था. उसके चेहरे, गले और सीने में गोली के करीब 30 छर्रे लगने के निशान पाए गए थे.
सूत्रों के मुताबिक, दावा किया जा रहा था कि 22 वर्षीय रामगोपाल मिश्रा की हत्या से पहले उसके साथ जमकर बर्बरता की गई थी. मृतक को करंट भी लगाया था. नाखून उखाड़े गए थे. मगर बहराइच पुलिस ने इन दावों को खारिज कर दिया है.
बहराइच पुलिस ने सोशल मीडिया पर राम गोपाल मिश्रा की मौत से जुड़े दावों को खारिज किया है और कहा है कि हिंसा में मारे गए राम गोपाल की मौत गोली लगने से ही हुई है. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में भी ये ही तथ्य सामने आया है.
बहराइच पुलिस ने बाकायदा अपील जारी करते हुए कहा है कि मृतक को लेकर सोशल मीडिया पर जिस तरह की प्रताड़ना की बात फैलाई जा रही है, वह पूरी तरह से गलत है. मृतक की मौत का कारण पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सिर्फ गोली लगना सामने आया है. इसी के साथ पुलिस ने ये भी कहा है कि इस पूरी घटना में सिर्फ राम गोपाल मिश्रा की ही मौत हुई है.
बता दें कि बहराइच जिले की महसी तहसील के महराजगंज में मूर्ति विसर्जन के दौरान आरोपियों ने रामगोपाल को अगवा कर उसकी हत्या को अंजाम दिया था.
बहराइच में ऐसे भड़की थी हिंसा
दरअसल, बहराइच के थाना हरदी क्षेत्र के रेहुआ मंसूर गांव निवासी रामगोपाल मिश्रा बीते रविवार की शाम करीब 6 बजे दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के लिए निकले जुलूस में शामिल था. ये जुलूस जब महराजगंज बाजार में समुदाय विशेष के मोहल्ले से गुजर रहा था तो दो पक्षों में कहासुनी हो गई. आरोप है कि इस दौरान छतों से पत्थर फेंके जाने लगे, जिससे विसर्जन में भगदड़ मच गई.
इस बीच रामगोपाल को एक घर में ले जाकर मौत के घाट उतार दिया गया. रामगोपाल की मौत की खबर के बाद महराजगंज में बवाल शुरू हो गया. आक्रोशित प्रदर्शनकारियों ने आरोपी के घर समेत कई वाहनों में तोड़फोड़ की और उसमें आग लगा दी.
इस बीच सोमवार को जब मृतक का शव गांव पहुंचा तो भीड़ फिर गुस्साकर बेकाबू हो गई. इस दौरान महराजगंज क्षेत्र में कई घरों, नर्सिंग होम, बाइक शोरूम और दुकानों में आगजनी और तोड़फोड़ की गई. वहीं, पुलिस ने बेकाबू भीड़ को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े.
हालात बिगड़ते देख इंटरनेट सेवा पूरे जिले में बंद कर दी गई. पीएसी, आरएएफ को सड़क पर उतार दिया गया. खुद एसटीएफ चीफ पिस्टल लेकर सड़क पर निकल पड़े. घटना के तीन दिन होने के बाद भी महसी के महाराजगंज में अभी स्थित तनावपूर्ण बनीं हुई है.