गैंगेस्टर के अलग-अलग मुकदमों में बाहुबली मुख्तार अंसारी की बाराबंकी में वर्चुअल पेशी हुई. इस दौरान वह लखनऊ के लजीज आम और केले खाने को बैचैन दिखा. जेल में फल नहीं मिलने पर बाहुबली मुख्तार कोर्ट के आगे गिड़गिड़ाया. बोला साहब फल उपलब्ध करवा दीजिए. मुख्तार ने अपने वकील से कहा कि जब बांदा जेल में मिलने आइए, तो केला और लखनऊ के आम लेते आइए.
एमपी-एमएलए कोर्ट में गैंगेस्टर और एम्बुलेंस मामले में बुधवार को तारीख लगी थी. अब अगली तारीख 16 मई को लगी है और एसीजेएम-19 कोर्ट में एम्बुलेंस मामले में 23 मई की अगली डेट लगी है. वहीं, मुख्तार ने कोर्ट में अपने वकील रणधीर सिंह सुमन के जरिये 197 सीआरपीसी के तहत एक और अर्जी दी है.
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इसमें लिखा कि 2021-22 में वह विधायक था. लोकसेवक होने के नाते बिना राज्य सरकार की अनुमति लिए कोई भी मुकदमा उस पर नहीं लिखा जा सकता है. इस वाद में भी राज्य सरकार से अनुमति नहीं ली गई. कोर्ट में मुख्तार अंसारी के बांदा जिले से आए वकील नसीम हैदर भी मौजूद थे.
आम खाने को बेताब है बाहुबली मुख्तार
यूपी के बाराबंकी में बाहुबली मुख्तार अंसारी बांदा जेल की सलाखों के पीछे परेशान है. मगर, वह लखनऊ के लजीज आम खाने को बेताब है. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अपर सत्र न्यायाधीश कमलकांत श्रीवास्तव के सामने अपने वकील से बात करने के लिए गिड़गिड़ाया. इसके बाद जेल में फल ,केला और लखनऊ के आम खाने की फरियाद लगाई.
वकील से नहीं मिलने दिया जा रहा- मुख्तार
मुख्तार ने कोर्ट में कहा कि साहब बांदा जेल में हमें अपने वकील से नहीं मिलने दिया जा रहा है. जब ये मिलने आएं, तो हमारे लिए केले और लखनऊ के लजीज आम लेते आएं. मुख्तार ने यही नहीं अपने ऊपर दर्ज मुकदमों को गलत बताया है. उसने अपने वकील रणधीर सिंह सुमन के जरिये एक प्रार्थना पत्र 197 सीआरपीसी का अनुपालन करवाए जाने के लिए कोर्ट में दिया है. इस पर एमपी एमएलए कोर्ट ने सुनवाई के लिए 16 मई की तारीख दी है.
मुख्तार ने दी अर्जी वकील से नहीं मिलने दे रहे
मुख्तार अंसारी के वकील रणधीर सिंह सुमन ने बताया कि पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के बांदा जिले के अधिवक्ता नसीम हैदर भी मौजूद थे. उन्हें कोर्ट के आदेश के बावजूद भी बांदा जेल प्रशासन अपने क्लाइंट से मिलने नहीं दे रहा है. इस पर कोर्ट ने जेल से रिपोर्ट तलब की है और मिलने की अनुमति दी है.
रणधीर सिंह सुमन ने आगे बताया कि गैंगेस्टर कोर्ट में 16 मई की अगली तारीख लगी है. आज ही अधीनस्थ कोर्ट एमपी एमएलए-19 में भी एम्बुलेंस प्रकारण की तारीख लगी थी, लेकिन आज वहां के जज साहब छुट्टी पर थे, इसलिए वह तारीख 23 मई हो गई है.
मुख्तार के अधिवक्ता रणधीर सिंह ने कही यह बात
एडवोकेट रणधीर सिंह ने बताया कि एक अर्जी गैंगेस्टर कोर्ट में दी गई है. इसमें लिखा है विधायक को लोकसेवक माना गया है. उस पर मुकदमा चलाने के लिए राज्य सरकार की अनुमति जरूरी है. मगर, इस मुकदमे में अनुमति नहीं ली गई है.
वहीं, मुख्तार के फल मांगने की फरियाद पर कहा कि ये जेल प्रशासन की ड्यूटी है कि जो लोग जेल में बंद हैं उन्हें बेहतर तरीके से रखे. न्यायिक अभिरक्षा का मतलब होता है न्यायालय के अधीन होना. इसलिए राज्य सरकार का दायित्व है कि उस व्यक्ति के खान पान को लेकर कोई कष्ट न हो.