इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भूमि और फर्म पर कब्जा करने के आरोपी भदोही के बाहुबली पूर्व विधायक विजय मिश्रा की जमानत अर्जी खारिज कर दी है. कोर्ट ने कहा है कि जमानत पर विचार करते समय आरोपी के आपराधिक इतिहास को दरकिनार नहीं किया जा सकता.
विजय मिश्र और उनके बेटे के खिलाफ भदोही के गोपीगंज थाने में भूमि और फर्म के कब्जा करने की प्राथमिकी 2021 में दर्ज कराई गई थी. शिकायतकर्ता की ओर से यह भी आरोप लगाया गया कि याची के बेटे और परिवार वालों ने मिलकर फर्जी कागजातों के जरिए 20 बीघा जमीन भी कब्जा कर ली. इसके साथ ही शिकायतकर्ता को प्राथमिकी वापस लेने की लगातार धमकी भी दी जा रही है.
'घटना से 6 महीने पहले से जेल में हूं...'
आरोपी की ओर से तर्क दिया गया कि उसे इस मामले में फर्जी फंसाया गया है. वह घटना के छह महीने पहले से ही जेल में है. जहां तक फर्म पर कब्जा करने की बात कही जा रही है, वह सरासर गलत है. शिकायतकर्ता और याची की आपसी पार्टनरशिप फर्म है.
आरोपी के खिलाफ पहले से दर्ज हैं कई मामले
इसके जवाब में शिकायतकर्ता की ओर से कहा गया कि याची अपराधी है. उसके खिलाफ नंदी पर प्राणघातक हमला करने सहित कुल 84 मामले दर्ज हैं. शिकायतकर्ता की ओर से अधिवक्ता अभिषेक कुमार यादव और सरकार की ओर से रतनेंदु कुमार सिंह ने पक्ष रखा.