उत्तर प्रदेश के बलिया में बिहार-यूपी बॉर्डर पर ट्रकों से वसूली के मामले में कुछ और पुलिसकर्मियों पर भी गाज गिर सकती है. नरही थाने के सभी पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किए जाने के बाद पुलिस ने निलंबित नरही एसओ पन्नेलाल के कमरे को सील कर दिया है.
इस कमरे को सील करने को लेकर माना जा रहा है कि बहुत महत्वपूर्ण सबूतों की बरामदगी हो सकती है और वसूली गैंग के कई राज खुल सकते हैं. कमरे को सील करना यह भी बताता है ज़रूर इस कमरे में अहम सबूत और राज छुपे हुए हैं जो अभी बाहर आना बाकी हैं.
यही वजह है कि आजमगढ़ रेंज के डीआईजी और इस ऑपरेशन को लीड करने वाले आईपीएस वैभव कृष्ण अभी भी बलिया में ही मौजूद हैं. जानकारी के मुताबिक बलिया भारौली तिराहे पर वसूली के मामले में थाना अध्यक्ष पन्ने लाल सहित ज़िले भर के पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की गई है. इस दौरान पुलिस ने पन्ने लाल के कमरे को भी सील कर दिया.
पन्ने लाल के कमरे में है लाल डायरी
पुलिस सूत्रों के मुताबिक पन्ने लाल के कमरे में न सिर्फ़ पैसे बल्कि वसूली के महत्वपूर्ण कागजातों का ज़ख़ीरा है जिसमें कई बड़ी लोगों के गर्दन पर तलवार लटक सकती है.आशंका जताई जा रही है कि उस कमरे में लाल डायरी और अन्य कागजात भी मौजूद हैं जिस वजह से उसे तत्काल सील कर दिया गया है.
जांच रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल पाएगा कि आख़िर इस कमरे में क्या निकला है. माना जा रहा है कि बलिया में यूपी-बिहार बॉर्डर पर बड़े लंबे समय से यह वसूली का खेल चल रहा है जिसमें कई अहम परतें हैं जिसे खोला जाना अभी बाकी है.
मामले की गंभीरता को देखते हुए DIG वैभव कृष्ण को अभी बलिया में ही रुकने का आदेश मिला है इस मामले में कई बड़े चेहरों पर भी कार्रवाई की तलवार लटकी हुई है और चार्जशीट कई नाम और शामिल हो सकते हैं.
हर दिन पांच लाख की काली कमाई
बता दें कि पुलिस के इस वसूली रैकेट को लेकर डीआईज वैभव कृष्ण और वाराणसी रेंज के एडीजी ने ट्रक में खलासी बनकर वसूली गैंग का भंडाफोड़ किया था और इस मामले में नरही थाने के पुलिसकर्मियों की संलिप्तता पाई गई थी. इसके बाद दो पुलिसकर्मियों सहित 16 दलालों को गिरफ्तार किया गया था.
पुलिसकर्मियों पर आरोप है कि वो निजी दलालों की मदद से वहां से गुजरने वाले हर ट्रक से 500 रुपये की वसूली करते थे. यूपी-बिहार के इस बार्डर से हर रात 1000 ट्रक गुजरते थे जिससे एक दिन में पांच लाख की उगाही हो रही थी. इस तरह हर महीने पुलिस वाले डेढ़ करोड़ की काली कमाई करते थे.