उत्तर प्रदेश के बांदा (Banda) में एक रोडवेज बस (roadways bus) में 18 सवारियां बैठी थीं. जब अधिकारियों ने चेकिंग की तो किसी भी सवारी के पास टिकट नहीं मिला. इसके बाद सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक (एआरएम) ने कंडक्टर की संविदा समाप्त करने के आदेश दे दिए. इसी के साथ कंडक्टर के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई है.
एआरएम ने बताया कि यात्रियों ने किराया कंडक्टर को दे दिया था, लेकिन उसने टिकट नहीं बनाया. पैसे ले लिए गए थे. कुछ यात्रियों को फर्जी टिकट दिया गया था. अचानक चेकिंग के दौरान रंगेहाथों पकड़ लिया गया. कंडक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की जा रही है.
एआरएम कमल किशोर आर्य के मुताबिक, जिले में कई दिनों से कंडक्टरों की शिकायतें मिल रही थीं. कई रूट पर विभाग को इनकम भी नहीं आ रही थी. इस पर मैंने जानने की कोशिश की कि आखिर वजह क्या है. इसी को लेकर चित्रकूट से राजापुर जा रही बस संख्या UP 90 T 5564 को पहाड़ी से आगे प्रसिद्धपुर के पास रोका और चेकिंग की.
यह भी पढ़ें: ट्रेन में बिना टिकट यात्रा कर रहा था परिवार, टीसी ने मांगा टिकट तो तीनों ने मिलकर पीट डाला
इस दौरान बस में 18 सवारियां थीं, जिसमें कुछ सवारियां कर्वी से राजापुर जा रही थीं. कुछ लोकल पैसेंजर्स बैठे थे. कुछ यात्रियों को टिकट दिया गया था, जो फर्जी था. यानी कागज से हाथ से लिखकर, जबकि मशीन में एक भी पैसेंजर दर्ज नहीं था.
अधिकारी ने यात्रियों के बयान दर्ज कर कंडक्टर के खिलाफ दर्ज कराया केस
पैसेंजर्स से पूछा तो उन्होंने बताया कि हमसे किराया वसूल लिया गया है. एआरएम ने यात्रियों के बयान दर्ज किए और जाने दिया. इसके बाद उन्होंने पहाड़ी थाने में आरोपी कंडक्टर के विरुद्ध शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने कंडक्टर के खिलाफ धारा 419/ 420/ 409 के तहत केस दर्ज कर लिया है.
एआरएम ने कहा कि कंडक्टर महुआ ब्लॉक बांदा का रहने वाला है. उसे अपना पक्ष रखने के लिए कहा गया है कि वजह क्या थी, आप टिकट क्यों नहीं बना पाए. उसका रूट ऑफ कर दिया गया है. इसके बाद संविदा समाप्त कर दी जाएगी. पुलिस मामले में आगे की कार्रवाई करेगी.
फिलहाल एआरएम की इस कार्रवाई से विभाग के कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ है. एआरएम का कहना है कि रोडवेज के घाटे में जाने को लेकर यही वजह है कि ड्राइवर कंडक्टर मिलकर आपस में खेल कर देते हैं, जिससे विभाग को चूना लगता है.