उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में आंगनबाड़ी भर्ती प्रक्रिया को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. मेरिट लिस्ट में नाम होने के बावजूद एक महिला को नौकरी नहीं दी गई, जबकि ग्राम प्रधान के दबाव में अपात्र उम्मीदवार को चयनित करने का आरोप लगा है. पीड़ित महिला ने डीएम से शिकायत की है, जिस पर जांच के आदेश दिए गए हैं.
बदौसा थाना क्षेत्र की रहने वाली पूजा वर्मा ने डीएम को दी गई शिकायत में बताया कि उनके पति अनिल कुमार गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं और परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है. पूजा ने आंगनबाड़ी चयन प्रक्रिया के लिए आवेदन किया था और सभी शर्तों को पूरा करने के बाद मेरिट में उसका पहला स्थान था. लेकिन, ग्राम प्रधान और लेखपाल की मिलीभगत से अपात्र व्यक्ति को नौकरी दे दी गई.
आय प्रमाण पत्र के नाम पर धांधली का आरोप
पीड़िता का कहना है कि लेखपाल ने प्रधान के दबाव में गलत आय प्रमाण पत्र बनाकर अपात्र व्यक्ति को चयनित करवा दिया. जबकि जिस महिला को नौकरी मिली है, उसके पति पहले से ही नौकरी करते हैं. पीड़ित महिला ने डीएम ऑफिस में शिकायत दर्ज कराई और मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है.
इस मामले पर डीपीओ दिलीप कुमार ने बताया एक शिकायत मिली है. भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से हुई थी. मामले की जांच कराई जा रही है और सत्यता के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी.
महिला ने डीएम ऑफिस में शिकायत दर्ज कराई
विपक्षी दलों ने भी इस मामले को लेकर सरकार पर निशाना साधा है. सोशल मीडिया पर भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं. अब देखना होगा कि जांच में क्या निष्कर्ष निकलता है और क्या पीड़ित महिला को न्याय मिल पाता है या नहीं.