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UP: रेप के दोषी को 25 साल की सजा, सिर्फ 90 दिनों में कोर्ट ने सुनाया फैसला

उत्तर प्रदेश के बांदा में एक युवक ने चार साल की मासूम को शादी कार्यक्रम से उठाकर झाड़ियों में उसका रेप किया. फिर उसे बेहोशी की हालात में वहां छोड़कर फरार हो गया. कोर्ट ने इस मामले में आरोप पत्र दाखिल होने के 90 दिन के अंदर फैसला सुना दिया. कोर्ट ने दोषी पाए जाने के बाद उस शख्स को 25 साल की सजा सुनाई गई है.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

उत्तर प्रदेश के बांदा में कोर्ट ने रेप के दोषी को 25 साल की सजा सुनाई है और उस पर 75 हजार का जुर्माना भी लगाया है. दोषी पाए गए युवक ने 2021 में चार साल की बच्ची से रेप किया था. कोर्ट ने आरोप पत्र दाखिल होने के बाद सिर्फ 90 दिनों के अंदर फैसला सुनाया है. आरोपी पहले से ही जेल में है. 

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दरअसल, मामला बांदा के जसपुरा थाना इलाके के एक गांव का है. यहां एक युवक ने शादी के कार्यक्रम से चार साल की मासूम को उठा लिया और झाड़ियों में ले जाकर उससे रेप किया. फिर बच्ची को बेहोशी की हालात में वहां छोड़कर फरार हो गया. इसके बाद बच्ची के पिता ने 15 मई 2021 को आरोपी के खिलाफ पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज कराई. 

झाड़ियों में बेहोशी की हालत में मिली थी बच्ची

बच्ची के पिता ने बताया कि उनके घर में शादी का कार्यक्रम था. इस वजह से सभी लोग कार्यक्रम में व्यस्त थे. इस दौरान रात को गांव के ही एक व्यक्ति ने उसकी बेटी को झाड़ियों में ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया. काफी देर बाद घर में बच्ची नहीं मिली तो सभी लोग घबरा गए. उन्होंने तुरंत बच्ची को ढूंढना शुरू किया. इसके बाद मासूम झाड़ियों में बेहोश अवस्था में मिली. परिजन आनन-फानन में उसे अस्पताल लेकर गए.  फिर मासूम ने होश आने पर घरवालों को पूरी घटना बताई. 

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इसके बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ पॉक्सो एक्ट सहित कई धाराओं में एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू की. पुलिस ने आरोपी को तुरंत गिरफ्तार करके जेल भेज दिया. 

सिर्फ 90 दिनों में कोर्ट ने सुनाया फैसला

इसके बाद पूरा मामला कोर्ट में पहुंचा और इसमें आरोप पत्र दाखिल किया गया. आरोप पत्र दाखिल करने के 90 दिनों के अंदर कोर्ट ने फैसला सुनाया. कोर्ट ने दोषी पाए गए शख्स को 25 साल की कठोर कारावास की सजा और 75 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है. 

पॉक्सो कोर्ट के सरकारी वकील कमल सिंह गौतम ने बताया कि इस दौरान अभियोजन ने छह गवाह पेश किए, दो जज बदले और लगभग 20 से ज्यादा तारीखें पड़ी. कोर्ट में जज ने तमाम दलीलों को सुनने के बाद यह फैसला सुनाया है. आरोपी तब से जेल में ही है. कोर्ट ने उसकी जमानत तक मंजूर नहीं की.


 

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