बलिया, वाराणसी के बाद अब बरेली जिले से पुलिस का वसूली कांड सामने आया है. यहां एक इंस्पेक्टर ने अफीम तस्करों को छोड़ने के लिए रिश्वत ली थी. इसकी जानकारी जब SSP को हुई तो उन्होंने सीओ और एएसपी को फरीदपुर थाने भेजा, लेकिन इंस्पेक्टर रामसेवक को इसकी भनक लग गई तो वह थाने की दीवार फांदकर भाग गया. उसके कमरे से 9 लाख रुपये कैश मिला है. ये कैश बेड पर पड़ा था. फिलहाल, इंस्पेक्टर की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं.
SSP अनुराग आर्य के मुताबिक, गोपनीय सूचना मिली थी कि फरीदपुर थाना प्रभारी रामसेवक ने दो संदिग्धों को एनडीपीएस के मामले में पकड़ा और फिर 7 लाख रुपये लेकर छोड़ दिया. इसकी जांच के लिए क्षेत्राधिकारी फरीदपुर गौरव सिंह तत्काल बरेली थाने पर पहुंचे. लेकिन थाना प्रभारी रामसेवक गायब हो गया. जब उसका कमरा चेक किया गया तो वहां 9 लाख 96 हजार रुपये कैश मिला.
जांच में पता चला है कि एनडीपीएस केस में आलम और नियाज को फरीदपुर थाने लाया गया था. लेकिन 7 लाख रुपये लेकर थाना प्रभारी ने दोनों को छोड़ दिया. इस संबंध में क्षेत्राधिकारी की तहरीर पर केस दर्ज किया गया. फिलहाल, आरोपी इंस्पेक्टर (थाना प्रभारी) को निलंबित कर दिया गया है. भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया गया है. गिरफ्तारी के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.
बलिया के नरही थाने से आया था ऐसा ही मामला
बता दें कि बीती जुलाई को बलिया स्थित नरही थाना मे बॉर्डर पर ट्रकों से अवैध वसूली के मामले में सख्त एक्शन हुआ था. दो पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी के बाद जिले के एसपी और एएसपी पर भी इसकी गाज गिरी थी. उन्हें पद से हटा दिया गया था. इतना ही नहीं उस इलाके के सीओ को भी सस्पेंड कर दिया था.
दरअसल, लगातार पुलिसकर्मियों द्वारा अवैध वसूली की शिकायत मिलने के बाद भरौली चेक पोस्ट पर एडीजी और डीआईजी ने संयुक्त रूप से छापेमारी की थी. इस दौरान ट्रकों से अवैध रूप से वसूली करते दो पुलिसकर्मियों को मौके से ही गिरफ्तार किया गया था. उनके साथ वसूली में लिप्त में 18 दलालों को भी पकड़ा गया था. पूरी पुलिस चौकी सस्पेंड हो गई थी. इसमें संलिप्त पुलिस अफसरों की संपत्ति की जांच के आदेश भी दिए गए हैं. वहीं, दारोगा पन्ने लाल थाने से भाग गया था, हफ्ते भर बाद उसकी गिरफ़्तारी हो सकी.
वाराणसी में दारोगा भेजा गया जेल
वहीं, वाराणसी में हुई लाखों रुपये की लूट के मामले में सब-इंस्पेक्टर सूर्यप्रकाश पांडेय संलिप्त पाया गया. वह वाराणसी के कैंट थाना अंतर्गत नदेसर चौकी में बतौर इंचार्ज तैनात था. उसने अपने साथियों संग 22 जून 2024 को रामनगर क्षेत्र के भीटी के पास एक बस को रोककर खुद को क्राइम ब्रांच का बताते हुए पिस्टल दिखाकर व्यापारी के वर्कर्स से 42 लाख रुपये लूट लिए थे.
पुलिस ने लूट की इस घटना में शामिल विकास मिश्रा, अजय गुप्ता और सब इंस्पेक्टर सूर्यप्रकाश पांडेय को गिरफ्तार कर लिया. कोर्ट में पेश करने के बाद उसे जेल भेज दिया गया. इस एक्शन से महकमे में हड़कंप मच गया था.
हाल ही में सीतापुर एसपी ने भ्रष्टाचार के मामले में तगड़ी कार्रवाई करते हुए कमलापुर थाने के SHO समेत दो दर्जन पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया था. इस कार्रवाई से पुलिस महकमे के लोग सकते में आ गए. भ्रष्टाचार के प्रति योगी सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत बलिया, सीतापुर, बाराबंकी, वाराणसी समेत यूपी के कई जिलों में ताबड़तोड़ कार्रवाई की जा रही है.
इस बीच बरेली मामले में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव हमलावर हो गए हैं. उन्होंने X पर लिखा- अभी तो बस थाने की दीवार कूदी है, यदि भ्रष्टाचार का ओलंपिक होता तो बीजेपी राज में ऐसी विशिष्ट योग्यता रखने वाले कुछ कृपा प्राप्त पुलिस वाले ‘हाई जंप’ में प्लेटिनम मेडल ले आते.