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हनीट्रैप में फंसे कई पुलिसकर्मी, नेता और व्यापारी... ढाई करोड़ वसूलकर महिला ने बनवाया आलीशान घर

यूपी के बरेली में एक महिला ने कई पुलिसकर्मियों, नेताओं व व्यापारियों को हनीट्रैप में फंसा लिया और उनसे धीरे-धीरे बड़ी रकम वसूल ली. एक समाजसेवी संस्था ने इस गैंग का खुलासा किया है. महिला ने हनीट्रैप में फंसाकर वसूली गई रकम से बरेली के संजय नगर में आलीशान घर बनवा लिया. वह अश्लील वीडियो कॉल कर पीलीभीत में तैनात दरोगा को फंसा चुकी है.

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हनीट्रैप में फंसे कई पुलिसकर्मी व राजनेता. (Representational image)
हनीट्रैप में फंसे कई पुलिसकर्मी व राजनेता. (Representational image)

उत्तर प्रदेश के बरेली में हनी ट्रैप का मामला सामने आया है. यहां एक महिला ने पुलिसकर्मी, व्यापारियों, नेताओं, समाजसेवकों को अपने हुस्न के जाल में फंसाया और धमकाकर रुपये वसूले. मामला सामने आने के बाद आरोपी महिला पर केस दर्ज कराया गया है. आरोपी महिला ने कुछ दिन पहले अश्लील वीडियो कॉलिंग के नाम पर पीलीभीत के दरोगा की शिकायत की थी. आरोप है कि महिला अश्लील वीडियो कॉलिंग कर कई नेताओं, पुलिसकर्मियों व कर्मचारियों को ब्लैकमेल कर चुकी है.

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पीलीभीत के दरोगा पर लगाया था आरोप

ब्लैकमेलिंग करने वाला गैंग बरेली में सक्रिय है. यह मामला जब पुलिस तक पहुंचा तो पुलिस अधिकारी ने भी हैरानी जताई. कुछ दिन पहले बारादरी क्षेत्र की संजय नगर की रहने वाली माधुरी पाल नाम की महिला ने पुलिस अधिकारियों को शिकायत पत्र दिया था, इसमें उसने कहा था कि पीलीभीत के थाने में तैनात दरोगा ने वीडियो कॉल कर अश्लील हरकतें कीं. जब बात करने से इनकार किया तो झूठे केस में फंसाने की धमकी दी.

SP ने दरोगा को कर दिया था निलंबित

इस शिकायत के बाद बरेली के एसपी ने दरोगा को तत्काल निलंबित कर दिया और आरोपी दरोगा के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश जारी किए. इस मामले की जांच चल ही रही थी कि इसी बीच एक समाजसेवी संस्था में शामिल एक महिला ने इस गैंग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और सबूत के साथ पुलिस के सामने पेश हुई. इसके बाद पुलिस ने समझ लिया कि पूरा गैंग किस तरीके से लोगों को फंसाकर ब्लैकमेल करता है.

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इस एंगल पर जांच में जुटी पुलिस

बीते दिनों पहले आरोपी महिला माधुरी पाल ने खुद को पीड़ित बताते हुए पीलीभीत में तैनात दरोगा के खिलाफ अश्लील वीडियो कॉलिंग की शिकायत की थी. उसने कहा था कि वह एक विधवा महिला है, उसके पति की मौत हो चुकी है. दो बच्चे हैं, जिनका पालन बेहद मुश्किल से कर पा रही है.

जब पुलिस ने मामले की जांच की तो पता चला कि मनोज पाल नाम के व्यक्ति का जिक्र कई जगह मिला है. मनोज नाम का व्यक्ति महिला के साथ रहता है. कभी-कभी कथित पति के तौर पर भी वह महिला के साथ देखा जाता है. इस व्यक्ति की पहचान को लेकर पुलिस जांच में जुटी है.

ऐसे खोली समाजसेवी महिला ने पोल

बरेली के थाना कैंट क्षेत्र के नकटिया इलाके में रहने वाली इरम खान एक समाजसेवी संस्था से जुड़ी हैं. उन्होंने बताया कि कुछ दिन पूर्व ही माधुरी अपने एक साथी मनोज के साथ घर पर आए थे और प्रलोभन दिया था कि वह समाजसेवा छोड़कर इनके काम में शामिल हो जाएं. लोगों को कैसे फंसाया जाता है, यह बातें माधुरी ने सबूत के साथ दिखाईं और जानकारी दी. इसके बाद इरम ने पूरे सबूतों को एकत्र कर पुलिस के सामने गैंग का पर्दाफाश किया.

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आरोपी महिला ने इरम खान के खिलाफ की है ये शिकायत

इरम खान ने बताया कि जैसे ही माधुरी को पता चला कि उसकी पोल खुलने वाली है तो माधुरी ने इरम खान के खिलाफ धर्म परिवर्तन का आरोप लगाकर थाने में प्रार्थना पत्र दिया और केस दर्ज कराया. माधुरी ने आरोप लगाया कि कुछ दिन पूर्व माधुरी अपनी बेटी के साथ जब उनके घर पहुंची तो मौलाना की मदद से इरम ने  माधुरी और बेटी का धर्म परिवर्तन करा दिया. हालांकि इरम ने इन बातों को झूठा बताया है. पुलिस इस मामले की जांच कर रही है.

नई उम्र के अधिकारी-कर्मचारी रहते थे निशाने पर

माधुरी पाल का ब्लैकमेलिंग गैंग ऐसे लोगों को फंसाता है, जिनकी तैनाती हाल फिलहाल में ही सरकारी विभाग में हुई है. खासतौर पर पुलिस में कम उम्र के नए दरोगा, कॉन्स्टेबल, सरकारी विभाग में नई उम्र के कर्मचारी को फंसाती है.

मीठी-मीठी बातों में फंसकर गंवा दिए ढाई करोड़

गैंग कितना शातिर है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अब तक तीन दर्जन लोगों से यह गैंग मीठी मीठी बातें करके 2.5 करोड़ रुपये तक वसूल चुका है. कुछ लोगों से महीने में रुपये भी वसूले जाते हैं. यह गैंग खुद को सुरक्षित करने के लिए सामने वाले व्यक्ति के कुछ अश्लील फोटो और वीडियो सेव कर लेता है, जिससे कि सामने वाला व्यक्ति पुलिस के पास शिकायत करने न पहुंचे और वह पूरी तरह से कमजोर पड़ जाए. इसी वजह से लोग हनीट्रैप गैंग के चंगुल में फंस जाते हैं.

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हर महीने वसूलते हैं 20-20 हजार!

फोन पर मीठी-मीठी बातें करना कितना महंगा साबित हो सकता है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इस गैंग ने ऐसे 12 लोगों को अपने हुस्न के जाल में फंसाकर 7-7 लाख रुपये वसूले हैं. इसके अलावा प्रत्येक महीने ₹20 हजार रुपये हफ्ता वसूली हो रही है. महिला के साथ उसका कथित पति भी इस गेम में शामिल बताया जा रहा  है.

वीडियो वायरल करने की धमकी देकर करती थी वसूली

यह महिला शातिर तरीके से पहले मीठी-मीठी बातों में लोगों को फंसाती है. फिर दोस्ती करती है. दोस्ती करने के बाद वीडियो कॉलिंग का सिलसिला शुरू होता है. वीडियो कॉलिंग पर महिला निर्वस्त्र होने को कहती है. यहीं से लोग इसके शिकार बन जाते हैं. महिला लोगों के स्क्रीनशॉट और वीडियो रिकॉर्डिंग कर लेती है. इसके बाद उन्हें वायरल करने के नाम पर धमकी देती है और ब्लैकमेल करती है. जब व्यक्ति फंस जाता है तो महिला अपने घर बुलाती है, फिर घर पर उसका साथी रिकॉर्डिंग कर लेता है. फिर महिला ब्लैकमेल कर रुपये वसूलती है.

ब्लैकमेलिंग की कमाई से बना लिया घर

फोन पर मीठी-मीठी बातें करने के इस काम से महिला ने करोड़ों की कमाई कर ली. इस कमाई से उसने बरेली के थाना बारादरी क्षेत्र में संजय नगर इलाके में आलीशान घर बनवा लिया. बताया जा रहा है कि बरेली के थाना कैंट के नकटिया चौकी पर तैनात एक सिपाही भी इस हनीट्रैप गैंग का शिकार हो चुका है. महिला ने हनीट्रैप करके सिपाही से भी तमाम पैसे वसूल लिए थे.

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सोशल मीडिया पर हैं कई अकाउंट

इस हनीट्रैप गैंग की आरोपी माधुरी पाल के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कई अकाउंट हैं. कई अकाउंट में उसका कथित पति भी उसके साथ है तो कई फेसबुक इंस्टाग्राम आईडी भी हैं, जिन पर अपनी फोटो शेयर करती है. महिला का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें साफ दिखाई दे रहा है कि वह पलंग पर बैठी हुई है और 500 500 के नोट गिन रही है. दूसरा व्यक्ति उसकी रील बना रहा है.

ऑनलाइन वसूले एक लाख रुपये

इरम खान का कहना है कि आरोपी माधुरी पाल ने एक व्यक्ति से ब्लैक मेलिंग के नाम पर एक लाख रुपये तक वसूले हैं. इसका भी सबूत है. इरम ने कहा कि माधुरी पाल के अकाउंट में फोन पे ऐप के जरिए लाखों रुपये ट्रांसफर हुए हैं.

एसपी बोले- साक्ष्यों के आधार पर होगी कार्रवाई

एसपी देहात राजकुमार अग्रवाल ने कहा कि नकटिया थाना क्षेत्र के कैंट की रहने वाली एक महिला ने 3 लोगों के विरुद्ध थाना कैंट में केस दर्ज कराया है. इसमें जो महिला नामजद है, उसने थाना बारादरी पर भी दो केस दर्ज कराए हैं. साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी.

मामले को लेकर क्या बोलीं शिकायतकर्ता?

इरम सैफी ने कहा कि माधुरी पाल और मनोज पाल मुझसे ब्लैकमेलिंग के काम के लिए बोल रहे थे. उन्होंने मुझे प्रभावित किया था. कुछ वीडियो कुछ एप्लीकेशन कुछ समझौतानामा मुझे दिखाए थे और 8 जून को मेरे घर पर आए थे. मैंने उनसे पूछा कि क्यों आए हो तो बोले कि ब्लैकमेलिंग का कार्य करोगी या नहीं. वे तमंचा, चाकू सब लेकर आए थे. बोले अगर काम नहीं किया तो हम तुम्हें फंसा देंगे. मेरे साथ आर्गेनाइजेशन बहुत हैं. माधुरी काफी लोगों को फंसा चुकी है. काफी साक्ष्य मेरे पास हैं. मैं पुलिस का सहयोग करूंगी.

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