उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव तो समाप्त हो गए हैं लेकिन लोकतंत्र के इस खूबसूरत पर्व के बाद कुछ ऐसे लोग निकल कर आए हैं, जिन्होंने जनता की सेवा के लिए नेता बनने की राह चुनी. ऐसे ही एक महिला नेत्री से आज हम आपको रूबरू कराएंगे, जो उत्तर प्रदेश की सबसे कम उम्र की महिला सभासद होने का दावा कर रही हैं.
स्नातक करने के बाद लखनऊ विश्वविद्यालय में पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रही गुंजन ने जब अपने मोहल्ले की बदहाली देखी तो उसने कई बार नेताओं के आगे गुहार लगाई, लेकिन नेताओं ने उसकी बात को अनसुना कर दिया. इसके बाद वह खुद अपने मोहल्ले के विकास के लिए चुनावी मैदान में कूद गई. उसने समाजवादी पार्टी से टिकट मांगा.
सपा ने उसे टिकट भी दे दिया. गली मोहल्ले में पसीना बहाने के बाद गुंजन को आखिरकार जनता का आशीर्वाद मिल ही गया. गुंजन के लिए यह राह आसान नहीं थी क्योंकि उसके सामने कई बड़े मठाधीश लड़ रहे थे, जो पिछले कई सालों से नेतागिरी करते चले आ रहे थे,ले किन गुंजन ने ना सिर्फ उन्हें हराया बल्कि कम उम्र की महिला सभासद बनीं.
बस्ती जनपद के रुधौली नगर पंचायत के लोहिया नगर वार्ड में रहने वाली गुंजन आर्य हैं, जो कि स्नातक की पढ़ाई पूरी कर ली है और अब वह लखनऊ यूनिवर्सिटी से एमएससी प्रथम वर्ष की पढ़ाई कर रही. 22 वर्षीय गुंजन आर्या ने जब राजनेताओं से मोहल्ले के बदहाली को लेकर आवाज उठाई तो किसी ने नहीं सुनी लिहाजा वो खुद मैदान में उतर गई.
नगर पंचायत रूधौली के लोहियानगर वॉर्ड से चुनाव लड़ी. गुंजन को कुल 183 वोट मिले, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी चंपा देवी को 96 वोट मिले. इस तरह से गुंजन ने 87 वोटों से जीत दर्ज कर उत्तरप्रदेश की सबसे कम उम्र की महिला सभासद बन गईं.
समाजवादी पार्टी से सभासदी का चुनाव लड़ी गुंजन आर्या ने बताया कि उनके मोहल्ले में सड़क, लाइट, नाली, पानी, सीवर आदि जैसी बुनियादी सुविधाओं का काफ़ी अभाव है. अतः मेरा प्रयास है कि मैं अपने मोहल्ले के लोगों के विश्वास को कायम कर इन सभी मूलभूत सुविधाओं को पूरा कर मोहल्ले का विकास कर सकूं. जिससे जनता का विश्वास उनपर कायम रहे.
(रिपोर्ट- संतोष कुमार सिंह)