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महाकुंभ में आए बवंडर बाबा से मिलिए... देवी-देवताओं के चित्रों को अपमान से बचाना है मिशन

अपनी बुलेट पर चलने की वजह से बवंडर बाबा के नाम से मशहूर हुए यह महाराज इसके खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं. मूल रूप से इंदौर के रहने वाले हैं, लेकिन सरकार से लेकर अदालतों तक ज्ञापन देना, मामले को लेकर अदालतों में चुनौती देना, नुक्कड़ और सेमिनार के माध्यम से लोगों को जागरूक करना भी उनका काम है.

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बवंडर बाबा बाइक पर अपना पूरा सामान लेकर चलते हैं
बवंडर बाबा बाइक पर अपना पूरा सामान लेकर चलते हैं

प्रयागराज में महाकुंभ को लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. साधु-संतों के पहुंचने का सिलसिला जारी है. इसी क्रम में महाकुंभ में बवंडर बाबा भी पहुंचे हैं. ये अपनी बाइक पर एक संदेश लेकर देशभर में घूमते हैं. इनका संदेश है देवी देवताओं के चित्र को किसी प्रोडक्ट पर ना लगाया जाए, क्योंकि इससे देवी देवताओं का अपमान होता है. लोग प्रोडक्ट के इस्तेमाल के बाद उसे फेंक देते हैं, जिससे देवी देवताओं की तस्वीरें भी कूड़े में चली जाती हैं. इससे सनातन और देवी देवताओं का अपमान होता है.

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आजतक ने बवंडर बाबा से खास बातचीत की. उनका कहना है कि देवी देवताओं की तस्वीर धूपबत्ती, अगरबत्ती, कॉपी, किताब और कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स आदि पर चिपकाई जाती है. देवी देवताओं की तस्वीरें के जरिए सामान बेचा जाता लेकिन उसके बाद लोगों को यह ख्याल नहीं होता कि देवी देवताओं की तस्वीरें का वह अपमान कर रहे हैं. बवंडर बाबा कहते है कि इसी कुंभ में उन्होंने कहीं शौचालय के ऊपर भी किसी प्रोडक्ट में देवी देवता की तस्वीर देखी है.

अपनी बुलेट पर चलने की वजह से बवंडर बाबा के नाम से मशहूर हुए यह महाराज इसके खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं. मूल रूप से इंदौर के रहने वाले हैं, लेकिन सरकार से लेकर अदालतों तक ज्ञापन देना, मामले को लेकर अदालतों में चुनौती देना, नुक्कड़ और सेमिनार के माध्यम से लोगों को जागरूक करना भी उनका काम है.

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बवंडर बाबा के बाइक पर धर्म ध्वज की एक बड़ी ध्वज पीछे लगी है, जबकि सोने और खाने-पीने का पूरा सामान उनकी बाइक पर बधा है. लेकिन बवंडर बाबा किसी अखाड़े में नहीं रुकते. वह अपनी बाइक लगते हैं, अपना बिस्तर बिछाते हैं और कहीं भी सो जाते हैं. महाकुंभ में करोड़ों लोगों तक अपनी बात पहुंचाना चाहते हैं.

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