बेंगलुरु के इंजीनियर अतुल सुभाष ने 23 पेज के अपने सुसाइड नोट में पत्नी और ससुराल वालों के साथ-साथ जौनपुर की फैमिली कोर्ट की जज पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं. इसमें उन्होंने अपनी पत्नी और बेटे को लेकर एक भविष्यवाणी भी की है. इसके अलावा केस के ट्रायल, बेटे की कस्टडी समेत अतुल ने सुसाइड नोट में अपनी 12 अंतिम इच्छाएं बताई हैं.
अतुल सुभाष ने भविष्यवाणी करते हुए कहा कि मेरी मौत के बाद अब पत्नी सहानुभूति हासिल करने के लिए मेरे बच्चे को अदालत में लाना शुरू कर देगी. जब मैं कोर्ट में आता था तब वो बच्चे को लेकर इसलिए नहीं आती थी कि कहीं मैं उसे देख ना लूं. अब मैं अदालत से अपील करता हूं कि इस नाटक को अनुमति न दी जाए. इसके अलावा और भी 11 अंतिम इच्छाएं अतुल ने रखी हैं-
1- सभी मामलों की सुनवाई लाइव होनी चाहिए और इस देश के लोगों को इस मामले के बारे में पता होना चाहिए. उन्हें कानूनी व्यवस्था की भयानक स्थिति और कानून के दुरुपयोग के बारे में जानना चाहिए जो ये महिलाएं कर रही हैं.
2- सुसाइड नोट और अपलोड किए गए वीडियो को अतुल सुभाष का ही बयान और सबूत मानने की अनुमति दी जाए.
3- अतुल ने कहा कि उनके केस का ट्रायल यूपी की जगह बेंगलुरु में किया जाए क्योंकि बेंगलुरु की अदालत यूपी की तुलना में कानून का अधिक पालन करती हैं. यूपी की जिन जज पर उन्होंने आरोप लगाए हैं, वो दस्तावेजों से छेड़छाड़ भी कर सकती हैं.
4- अतुल ने अपने बच्चे की कस्टडी माता-पिता को देने की मांग की है. उसने कहा कि उसके माता-पिता बच्चे को बेहतर मूल्यों के साथ बड़ा कर सकते हैं.
5- अतुल ने कहा कि मेरी पत्नी या उसके परिवार को मेरे शव के पास मत आने देना.
6- इंजीनियर ने मांग की है कि जब तक उसे हैरेस करने वालों को सजा नहीं मिल जाती, तब तक उशका "अस्थि विसर्जन" न किया जाए. अगर अदालत यह फैसला करती है कि भ्रष्ट जज और पत्नी तथा अन्य उत्पीड़क दोषी नहीं हैं, तो उसकी राख को अदालत के बाहर किसी गटर में बहा दिया जाए.
7- उत्पीड़न करने वालों को ज्यादा से ज्यादा सजा मिले. हालांकि अतुल ने कहा कि उसे कानून व्यवस्था पर ज्यादा भरोसा नहीं है. अगर उसकी पत्नी जैसे लोगों को जेल नहीं भेजा गया तो ऐसे लोगों का हौसला बढ़ जाएगा और वे भविष्य में समाज के अन्य बेटों पर और भी झूठे मुकदमे लादेंगे.
8- अतुल ने मांग की है कि उनके माता-पिता और छोटे भाई के खिलाफ चल रहे झूठे मामलों को खत्म करना चाहिए.
9- अतुल सुभाष ने मांग करते हुए कहा कि उनकी पत्नी और ससुराल वालों के साथ कोई बातचीत, समझौता और मध्यस्थता नहीं करना चाहिए और दोषियों को दंडित किया जाना चाहिए.
10- अपनी वाइफ को नाइफ (चाकू) बताते हुए अतुल ने कहा कि उसे मामले वापस लेने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. जब तक कि वह स्पष्ट रूप से स्वीकार न कर ले कि उसने झूठे मामले दायर किए हैं.
11- अतुल सुभाष ने आगे कहा कि अगर उत्पीड़न और जबरन वसूली जारी रही तो शायद उसके बूढ़े माता-पिता को औपचारिक रूप से अदालत से इच्छामृत्यु मांगनी चाहिए.