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उत्तर प्रदेश के भदोही जिले के रहने वाले एक शख्स नंगे पैर अयोध्या की यात्रा पर निकलने वाले हैं. कड़ाके की ठंड में नंगे पैर उनकी यात्रा 12 जनवरी से शुरू होगी. उन्होंने प्रण लिया था कि राम मंदिर निर्माण होने तक वो नंगे पैर रहेंगे. तब लोग उनका मजाक उड़ाते थे. मगर अब जब मंदिर निर्माण का प्रथम चरण लगभग पूरा होने वाला है तो शख्स रामलला के दरबार में हाजिरी लगाने के लिए निकल रहे हैं. रामलला के दर्शन-पूजन के बाद वो अपने पैरों में 5 साल बाद पादुका पहनेंगे.
इन शख्स का नाम रमेश सिंह है. रमेश पांच वर्ष पहले अयोध्या में रामलला को टेंट में देखकर द्रवित हो गए थे. तब उन्होंने अपने पैरों के चप्पल निकालकर फेंक दिए थे और संकल्प लिया था कि जब राम मंदिर बन जाएगा तभी वह अपने पैरों में पादुका धारण करेंगे. उनके इस संकल्प पर लोग उनकी हंसी उड़ाते थे, लेकिन अब मंदिर बनने के बाद रमेश सिंह का संकल्प पूरा हुआ है. वह 12 जनवरी को नंगे पैर भदोही से अयोध्या राम मंदिर तक की यात्रा करेंगे और उसके बाद अपने पैरों में पादुका धारण करेंगे.
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रमेश सिंह भदोही में गंगा किनारे स्थित गोलखरा गांव निवासी हैं और खेती-किसानी कर अपना जीवन यापन करते हैं. वो अपने को राम भक्त बताते हैं. खेती-किसानी से बचे समय में भगवान राम की भक्ति करना उनका पसंदीदा काम है.
रामलला को टेंट में देख रोने लगे थे
बात 2018 की है जब रमेश सिंह पंचकोसी परिक्रमा के लिए अयोध्या गए थे. इस दौरान इन्होने रामलला को टेंट में देखा तो इतना द्रवित हुए की रोने लगे और अपने चप्पल-जूते का त्याग करने का फैसला कर लिया. उन्होंने संकल्प लिया की जब मंदिर निर्माण होगा तभी ये अपने पैरो में कोई पादुका धारण करेंगे.
अब मंदिर निर्माण पूर्ण होने को है साथ ही रामलला की प्राण प्रतिष्ठा भी होने वाली है. ऐसे में रमेश बेहद उत्साहित हैं. प्राण प्रतिष्ठा से पहले रमेश नंगे पांव 200 किलोमीटर से अधिक का रास्ता तय कर पैदल अयोध्या पहुंचेंगे. फिर दर्शन करने के बाद ही अपने पैरो में कुछ पहनेंगे.
रमेश कहते हैं कि मैं 5 साल से नंगे पैर घूम रहा हूं. सर्दी हो या गर्मी, हर मौसम में ऐसे ही रहता हूं. एक दिन सपना आया था कि जल्द मंदिर निर्माण होगा. तब अयोध्या जाकर टेंट में रामलला के दर्शन किए थे. प्रभु को टेंट में देखकर बड़ी पीड़ा हुई थी. वहीं रोने लगा था. तभी प्रण लिया था कि नंगे पैर रहूंगा.