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सेना में जाने की चाहत... चंद्रशेखर पर हमला करने वाले की ऐसी है कहानी

पुलिस की पूछताछ में सामने आया है कि भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद के भाषणों के आहत होकर उन पर हमला किया गया था. हमलावरों में शामिल एक आरोपी का नाम लविश है. पता चला है कि उनका सपना सेना में जाने का था.

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28 जून को चंद्रशेखर आजाद पर हुआ था हमला.
28 जून को चंद्रशेखर आजाद पर हुआ था हमला.

भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद पर गोली चलाई गई थीं. चार राउंड फायर किए गए. गोली भीम आर्मी चीफ की कमर को छूकर निकल गई थी. यूपी पुलिस ने उन पर हमला करने वाले 4 आरोपियों को हरियाणा के अंबाला से गिरफ्तार भी कर लिया और उनकी गाड़ी को पहले ही जब्त कर लिया था. 

पुलिस की पूछताछ में सामने आया है कि भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद के भाषणों के आहत होकर उन पर हमला किया गया था. हमलावरों में शामिल एक आरोपी का नाम लविश है. पता चला है कि उनका सपना सेना में जाने का था. लविश के चाचा ने उसके बारे में और भी बाते कही हैं.

मिलिट्री में जाने की थी लविश की इच्छा

दरअसल, आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर पर हुए हमले में आजतक की टीम आरोपी लविश के गांव रणखंडी पहुंची. यहां पर आरोपी लविश के चाचा मोनू से बातचीत हुई. उन्होंने बताया कि लविश पढ़ाई के साथ-साथ हमारे साथ खेती का काम भी कराता था और उसका सपना पढ़-लिखकर मिलिट्री में जाकर फौजी बनने का था.

पता नहीं किसके बहकावे में आ गया लविश

चाचा मोनू के मुताबिक, पता नहीं वह किसके बहकावे में आया और उसने यह कदम (चंद्रशेखर पर हमला) उठाया. लविश के चाचा ने दुखी मन से बताया कि लविश शुरू से ऐसा नहीं था, लेकिन उसे किसने बहकाया है इस बारे में हम कुछ नहीं बता सकते हैं. 

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चाचा ने कहा ज्यादा कुछ नहीं बता सकते हैं. क्योंंकि हमें कोई जानकारी नहीं थी. घर में कभी भी चंद्रशेखर जुड़ी कोई भी बातचीत नहीं हुई. लविश पढ़ाई करके अब खेती में हम लोगों का हाथ बंटा रहा था. लविश 28 जून को मामा के घर जाने का बोल कर गया था. पता नहीं ऐसा क्या हुआ कि उसने यह कांड कर दिया.

भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद पर हुआ था हमला.

शहजादपुर से गिरफ्तार किए गए शूटर्स

बता दें किभीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद पर 28 जून को सहारनपुर के देवबंद में जानलेवा हमला हुआ था. पुलिस ने इस हमले को अंजाम देने वाले 4 आरोपियों के हरियाणा के अंबाला से अरेस्ट किया था. उन्होंने पूछताछ में बताया है कि चंद्रशेखर आजाद के बयानों से आहत होकर गोली चलाई थी. ये बात भी पता चली है कि हरियाणा में करनाल के रहने वाले विकास की स्विफ्ट कार से शूटर वारदात को अंजाम देने पहुंचे थे.

आरोपियों को एसटीएफ और उत्तर प्रदेश पुलिस ने अंबाला के शहजादपुर के अग्रवाल ढाबा से गिरफ्तार किया था. इसके बाद चारों को शनिवार सुबह अंबाला की शहजादपुर पुलिस ने यूपी पुलिस को सौंपा. बताया गया था कि सहरानपुर पुलिस को शुक्रवार देर रात सूचना मिली थी कि सभी शूटर्स ने हरियाणा की सीमा में प्रवेश किया और यमुनानगर से होते हुए अंबाला पहुंचे थे. इसी इनपुट पर टीम पहुंची और स्थानीय पुलिस की मदद से आरोपियों को धर दबोचा.

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भीम आर्मी चीफ ने खुद बताई थी आपबीती

हमले के बाद अस्पताल में भर्ती किए गए भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद को 29 जून को डिस्चार्ज किया गया था. भीम आर्मी चीफ ने खुद पर हमले की पूरी कहानी बयां की थी. उन्होंने कहा था, "मैं दिल्ली से वापस आ रहा था. वहां एक साथी कार्यकर्ता की माताजी की मौत हो गई थी. इसके बाद मुझे एक संत की मौत होने पर उनके अंतिम दर्शन में जाना था". कहा, "देवबंद में जिस समय मुझ पर हमला हुआ, मैं अपनी कार में फोन चला रहा था. अचानक गोली चली और शीशे से टकराई. इससे शीशा टूट गया. मुश्किल से 20 सेकेंड के अंदर 3 से 4 गोली चलीं. जिस गाड़ी से गोली चल रही थीं, वह मुझसे पीछे चल रही थी".

भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद अस्पताल में भर्ती कराए गए

इसलिए हम पर हमले हो रहे हैं- भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर

वहीं, शनिवार को भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद एंबुलेंस से राजस्थान के भरतपुर पहुंचे. यहां उन्होंने सामाजिक न्याय सम्मेलन में भाग लिया और सभा को संबोधित किया. ये सम्मेलन चंद्रशेखर पर हुए हमले के विरोध में कराया गया था. इसमें भारी संख्या में लोग इकट्ठा हुए. सभा को संबोधित करते हुए भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर ने कहा कि हम विचारधारा की लड़ाई लड़ते हैं. इसलिए हम पर हमले हो रहे हैं.

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चंद्रशेखर ने कहा कि अपने समाज के लिए कुर्बानी देने के लिए तैयार हूं. अब समय आ गया है. चुनाव होने वाले हैं और कुछ दिन बाद जयपुर में हमारी एक विशाल जनसभा होगी. चुनाव में हम सभी को मिलकर नेताओं को सबक सिखाना है. आप लोगों के साथ हमेशा खड़ा रहूंगा.

( देवबंद से पिंटू शर्मा के इनपुट के साथ )

 

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