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मुख्तार अंसारी एंड फैमिली को बड़ी राहत, कोर्ट पहुंचते ही नोटिस ले लिया गया वापस

करीब एक माह पहले मोहम्मदाबाद गाज़ीपुर की नगर पालिका परिषद द्वारा पूर्व विधायक शिबगतुल्लाह अंसारी, सांसद अफजाल अंसारी, पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी, चचेरे भाई मंसूर अंसारी और अन्य परिजनों पर नोटिस जारी कर मकान और दुकान का नक्शा मांगा गया था, जिसका अधिकार नगर पालिका के पास नहीं था. कोर्ट पहुंचते ही नगर पालिका ने नोटिस वापस ले लिया है.

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मुख्तार अंसारी (फाइल फोटो)
मुख्तार अंसारी (फाइल फोटो)

जेल में बन्द माफिया मुख्तार अंसारी और उनके परिवार के लिए काफी दिनों बाद एक राहत भरी खबर आई है. मुख्तार अंसारी, उनके सांसद भाई अफजाल अंसारी व उनके परिवार की गाजीपुर के मोहम्दाबाद टाउन एरिया में बनी पुरानी दुकानों के मांगे गए नक्शे को नगर पालिका परिषद मोहम्मदाबाद ने गुरुवार को वापस ले लिया.

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इसके बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट की डबल बेंच ने इस मामले को निस्तारित कर दिया है. यह मामला अभी हाल का है, जिसमें नगरपालिका परिषद, मोहम्दाबाद गाजीपुर द्वारा बकायदा नोटिस जारी कर अंसारी परिवार के पुश्तैनी मकान और उसमें बनी दुकानों का रकबा और नक्शा मांगा था, जिसके बाद जेल में बंद मुख्तार अंसारी का परिवार कोर्ट में गया था.

अंसारी परिवार के सूत्रों की माने तो जब नगर पालिका से इनके वकील ने नोटिस के जवाब पर आपत्ति जताते हुए इतने पुराने मकान और दुकान का नक्शा मांगने का अधिकार नहीं होने की तर्कसंगत अपील की और इस मामले को उच्च न्यायालय में भी दाखिल करने की बात कही तो नगरपालिका परिषद, मोहम्दाबाद के अधिकारियों ने अपनी भेजी हुई नोटिस को बीते गुरुवार को वापिस ले लिया.

फिर अंसारी पक्ष के वकील ने हाई कोर्ट में इस आशय की बयान हल्की देकर मामले को निस्तारित करवा लिया है. आपको बताते चलें कि करीब एक माह पहले मोहम्मदाबाद गाज़ीपुर की नगर पालिका परिषद द्वारा पूर्व विधायक शिबगतुल्लाह अंसारी, सांसद अफजाल अंसारी, पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी, चचेरे भाई मंसूर अंसारी और अन्य परिजनों पर नोटिस जारी कर मकान और दुकान का नक्शा मांगा गया था, जिसका अधिकार नगर पालिका के पास नहीं था.

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दरअसल यह जमीन और उस पर बने मकान और दुकान नगर पालिका परिषद बनने से काफी पहले से मौजूद है और नियम संगत है. फिलहाल अंसारी परिवार की ओर से दाखिल बयानहल्फी देने के बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट की डबल बेंच के न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर और न्यायमूर्ति एस.डी. सिंह ने कैसे को निस्तारित कर दिया है.

 

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