उत्तर प्रदेश के बिजनौर में सनसनीखेज मामला सामने आया है. यहां डीएम के आदेश पर तीन महीने बाद एक महिला के शव को कब्र से निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया. मृतका के पिता को शक था कि उनकी बेटी की हत्या कर ससुराल वालों ने गुपचुप दफना दिया था. फिलहाल पुलिस रिपोर्ट आने का इंतजार कर रही है.
जानकारी के अनुसार, बिजनौर के शेरकोट मोहल्ला के रहने वाले सईद अंसारी ने साल 2013 में अपनी बेटी शाइस्ता की शादी अफजलगढ़ के गांव नाबका के रहने वाले नाजिम के साथ की थी. सईद का आरोप है कि शादी के बाद से ही बेटी को ससुराल में प्रताड़ित किया जाता था. कई बार उसे खाना तक नहीं दिया जाता था, जिससे उसकी तबीयत खराब रहने लगी. सईद का आरोप है कि जब शाइस्ता बीमार हुई, तो उसके ससुराल वालों ने उसे कोई गलत इंजेक्शन लगवा दिया, जिससे उसकी मौत हो गई, लेकिन ससुरालवालों ने इसकी सूचना नहीं दी और गुपचुप शव दफना दिया.
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जब शाइस्ता के पड़ोसियों से सईद को बेटी की मौत की खबर मिली, तो वे तुरंत अफजलगढ़ पहुंचे. ससुराल वालों ने बताया कि शाइस्ता की बीमारी के कारण मौत हुई है, लेकिन कुछ दिनों बाद कुछ स्थानीय लोगों ने बताया कि उसकी मौत नेचुरल नहीं थी, बल्कि उसे मार दिया गया था. इसके बाद से सईद प्रशासन से इंसाफ की गुहार लगा रहे थे. उन्होंने अधिकारियों को आवेदन दिया कि बेटी के शव को कब्र से निकालकर पोस्टमार्टम कराया जाए, ताकि मौत की असली वजह सामने आ सके.
सईद की लगातार मांग के बाद प्रशासन ने मामला संज्ञान में लिया. डीएम के आदेश पर तहसीलदार कपिल कुमार आजाद और थाना प्रभारी सुमित राठी की मौजूदगी में शाइस्ता के शव को कब्र से बाहर निकाला गया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.
अब पुलिस को पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं, जिससे यह स्पष्ट हो सकेगा कि शाइस्ता की मौत नेचुरल थी या फिर उसे मारकर दफनाया गया था. अगर हत्या की पुष्टि होती है, तो पुलिस ससुरालवालों के खिलाफ एक्शन लेगी. सईद अंसारी का कहना है कि उन्हें अपनी बेटी के लिए न्याय चाहिए.