विकास दुबे जब तक जिंदा था उसके बिकरू गांव और आसपास के इलाकों में उसकी मर्जी से ही ग्राम प्रधान चुने जाते थे. बिकरु के बगल वाले कंजेती गांव में जब तक विकास दुबे जिंदा था तो तीन बार विकास का करीबी वेद कुशवाहा ही प्रधान बना. विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद बिकरु में संजय की पत्नी चुनाव जीतकर प्रधान बनी, वहीं कंजती गांव में पिंकी देवी चुनी गई.
पिंकी का आरोप है कि उनके गांव में पहले विकास दुबे का करीबी वेद प्रकाश कुशवाहा ही चुनाव जीतता था उसको विकास दुबे ही जिताते थे, लेकिन विकास दुबे के बाद मैंने चुनाव जीता है. इसलिए वेद हम लोगों को दुश्मन मानता है. इसी चक्कर में उसने मेरे परिवार के रामनरेश और उनके भाई के ऊपर अपनी जीप चढ़ा कर हत्या करने की कोशिश की.
पिंकी ने कमिश्नर से मांगी मदद
ग्राम प्रधान पिंकी शुक्रवार को दोनों घायल रिश्तेदारों को लेकर कानपुर पुलिस कमिश्नर के सामने पेश हुई. पिंकी का आरोप है कि विकास दुबे का करीबी पूर्व ग्राम प्रधान वेद कुशवाहा हम लोगों को परेशान करता है और हमारी हत्या करना चाहता है. इस मामले में एडीसीपी अशोक कुमार सिंह का कहना है कंजती गांव की ग्राम प्रधान और लोग जनसुनवाई में आए थे. जिनका कहना है कि पूर्व ग्राम प्रधान ने उनके ऊपर हमला किया है. इस मामले में एफआईआर दर्ज करके जांच के आदेश दिए गए है.
क्या है बिकरू कांड?
2 साल पहले कानपुर के बिकरू में 2 जुलाई 2020 को गैंगस्टर विकास दुबे और उसके साथियों ने उसे गिरफ्तार करने पहुंची पुलिस टीम पर गोलियां बरसाई थीं. इस हमले में 8 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी. इनमें डीएसपी भी शामिल थे. जबकि कई पुलिसकर्मी जख्मी हो गए थे. यूपी पुलिस ने इस वारदात के 8 दिन में विकास दुबे समेत 6 आरोपियों को मार गिराया था.