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दिल्ली में कल बीजेपी की हाईलेवल मीटिंग, यूपी की 10 सीटों पर उपचुनाव की चर्चा में शामिल होंगे जेपी नड्डा-अमित शाह

सूत्रों के मुताबिक बीजेपी यूपी में लोकसभा चुनाव में हुए नुकसान की भरपाई उपचुनाव की 10 सीटों को जीतकर पूरी करना चाहती है. इसमें पार्टी किसी भी तरह की गुंजाइश नहीं छोड़ना चाहती. इसको लेकर रविवार को दिल्ली में बीजेपी की बड़ी मीटिंग बुलाई गई है. बताया जा रहा है कि बैठक में पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और अमित शाह मौजूद रहेंगे.

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बीजेपी की मीटिंग कल दिल्ली में होनी है
बीजेपी की मीटिंग कल दिल्ली में होनी है

यूपी की 10 विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव होने हैं. हालांकि अभी तक चुनाव आयोग की तरफ से उपचुनाव के लिए तारीखों का ऐलान नहीं किया गया है. लेकिन राज्य का सियासी पारा बढ़ने लगा है. सूबे की सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और समाजवादी पार्टी मुख्य रूप से आमने-सामने नजर आ रही है. दोनों पार्टी के नेताओं की बैठकों का दौर जारी है. इस बीच उपचुनाव को लेकर रविवार 13 अक्टूबर को दिल्ली में बीजेपी की हाईलेवल मीटिंग होने जा रही है. इस बैठक में टिकट बंटवारे से लेकर कई मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है.

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सूत्रों के मुताबिक बीजेपी यूपी में लोकसभा चुनाव में हुए नुकसान की भरपाई उपचुनाव की 10 सीटों को जीतकर पूरी करना चाहती है. इसमें पार्टी किसी भी तरह की गुंजाइश नहीं छोड़ना चाहती. इसको लेकर रविवार को दिल्ली में बीजेपी की बड़ी मीटिंग बुलाई गई है. बताया जा रहा है कि बैठक में पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और अमित शाह मौजूद रहेंगे. साथ ही इसमें यूपी बीजेपी अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, सीएम योगी आदित्यनाथ और दोनों डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक व केशव प्रसाद मौर्य भी शामिल होंगे.

बता दें कि प्रदेश की करहल, मिल्कीपुर, कटेहरी, कुंदरकी, गाजियाबाद, खैर, मीरापुर, फूलपुर, मंझवा और सीसामऊ पर उपचुनाव होना है. इन सीटों में 5 समाजवादी पार्टी के पास थी तो RLD-निषाद पार्टी की एक-एक सीटें है, जबकि BJP की 3 सीटें हैं. लेकिन लोकसभा चुनाव में जिस तरह से समाजवादी पार्टी ने BJP को चौंकाया उसे देखते हुए ये उपचुनाव योगी आदित्यनाथ के लिए अग्निपरीक्षा माने जा रहे हैं.

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सीटों के समीकरण से बढ़ सकती है बीजेपी की चिंता 

उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव राज्य और देश दोनों की राजनीति तय करने वाले साबित हो सकते हैं, क्योंकि ये उत्तर प्रदेश ही था जिसने साल 2014 और 2019 में BJP की बहुमत वाली सरकार को मजबूती दी. लेकिन 2024 के चुनावों में यूपी में BJP की कमजोरी ने उसे बहमुत से दूर कर दिया. ऐसे में BJP के पास लोकसभा में बनी धारणा को तोड़कर इन उपचुनावों के माध्यम से कार्यकर्ताओं में जोश भरने का मौका है. हालांकि इन सीटों के समीकरण BJP की चिंता बढ़ाने के लिए काफी हैं. 

हर सीट पर बीजेपी के लिए कई चुनौती 

उत्तर प्रदेश की जिन 10 सीटों पर उपचुनाव होना है, उसकी हर एक सीट पर बीजेपी के लिए कई चुनौतियां हैं. अखिलेश यादव की करहल के बाद दूसरे नंबर पर बीजेपी के लिए मुश्किल सीट है मुरादाबाद की कुंदरकी. कुंदरकी में 2022 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के जियाउर रहमान विधायक बने थे. लोकसभा चुनाव में वे संभल सीट से सांसद चुने गए हैं. कुंदरकी विधानसभा पर बीजेपी को केवल एक बार 1993 में सफलता मिली थी. 

इस विधानसभा में मुस्लिम वोट करीब 65 फीसदी और हिन्दू वोट 35 फीसदी है. इसके अलावा कानपुर की सीसामऊ सीट समाजवादी पार्टी के विधायक इरफान सोलंकी के सज़ायाफ्ता होने से खाली हुई है. यह समाजवादी पार्टी की मजबूत सीटों में से एक है, जहां इस बार सपा इरफान सोलंकी के परिवार से किसी को टिकट दे सकती है. वहीं, इरफान के साथ लोगों की सहानुभूति भी दिखाई देती है, ऐसे में यह सीट बीजेपी के लिए मुश्किल सीटों में से एक है.

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