यूपी में बाराबंकी के कृषि विज्ञान केंद्र हैदरगढ़ में चल रहे दो दिवसीय किसान मेले में सोमवार को हंगामा मच गया. भाजपा नेता पंकज दीक्षित और कृषि विज्ञान केंद्र के स्टेनो के बीच जमकर मारपीट हुई. भाजपा नेता गोभी का फूल देखकर भड़क गए थे.
इस संबंध में वह मीडिया से बात कर रहे थे. इसी दौरान स्टेनो ने उनका विरोध किया. फिर दोनों के बीच मारपीट शुरू हो गई. घटना के बाद कृषि विज्ञान केंद्र प्रभारी शैलेश कुमार सिंह ने सुरक्षा मांगी है.
दरअसल, सोमवार को दो दिवसीय का मुख्य अतिथि जिला पंचायत अध्यक्ष राजरानी रावत ने शुभारंभ किया था. हैदरगढ़ कृषि विज्ञान केंद्र परिसर में लगभग दो बजे तक सब कुछ ठीक था. इसी दौरान पूर्व विधायक स्वर्गीय सुंदरलाल दीक्षित के पुत्र और नगर पंचायत हैदरगढ़ की पूर्व चेयरमैन के पति भाजपा नेता पंकज दीक्षित किसान मेले में पहुंचे.
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मीडिया कर्मी से कर रहे थे शिकायत, तभी पहुंचे स्टेनो आलोक कुमार सिंह
भाजपा नेता दीक्षित मीडियाकर्मी से कह रहे थे कि यहां लाई गई गोभी लोकल नहीं है. यहां जो किसान बनकर बैठे हैं, वे भी दलाल हैं. यहां किसानों का नहीं दलालों का हित होता है, किसानों को कोई लाभ नहीं मिल रहा है.
इसी समय पास में कृषि विज्ञान केंद्र में पदस्थ स्टेनो आलोक कुमार सिंह ने पंकज दीक्षित को रोका. दोनों के बीच विवाद होने लगा. देखते ही देखते दोनों के बीच मारपीट शुरू हो गई. मेले में मौजूद कई लोगों ने हस्तक्षेप कर उन्हें अलग किया. घटना से किसान मेले में अव्यवस्था फैल गई. पूरा कार्यक्रम प्रभावित हो गया. बाद में भाजपा नेता मेले से चले गए.
कृषि विज्ञान केंद्र प्रभारी ने मांगी सुरक्षा
कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी डॉ. शैलेश कुमार सिंह ने बताया कि स्टेनो आलोक सिंह माउथ कैंसर से पीड़ित हैं. ऑपरेशन के बाद उनकी जुबान भी काट दी गई थी. ऐसी स्थित में वह क्या बोल सकते हैं. डॉ. शैलेश कुमार सिंह ने पुलिस से सुरक्षा की मांग की है.
नहीं सुधरे तो टांगे फाड़ के फेंक दूंगा- भाजपा नेता
वहीं, इस घटना पर भाजपा नेता पंकज दीक्षित का कहना है कि हम इस कार्यक्रम का विरोध कर रहे थे. वहां गए तो एक से एक अच्छी गोभी लगी थी, जो हैदरगढ़ क्षेत्र की नहीं थी. वहां किसान नहीं दलाल ज्यादा थे. मैं जब विरोध कर रहा था, तो स्टेनो आ गए और मुझसे बदतमीजी करने लगे.
इस बात पर मुझे गुस्सा आ गया था. मैंने मारा है और फिर मारूंगा. अगर यह लोग नहीं सुधरे, तो इनकी टांगे फाड़ के फेंक दूंगा, ये मेरी जिम्मेदारी है. बता दें कि पंकज दीक्षित के पिता स्व. सुंदर लाल दीक्षित चार बार विधायक रहे हैं. पंकज की पत्नी नगर पंचायत हैदरगढ़ की पूर्व चेयरमैन रही हैं.