scorecardresearch
 

पैसों का लालच, धमकी और सबूतों से छेड़छाड़... नाबालिग से रेप के दोषी BJP विधायक रामदुलार गौड़ ने बचने के लिए आजमाया था हर पैंतरा

Ramdular Singh Gond Rape Case: रेप पीड़िता के वकील ने बताया कि इस केस को लड़ने के दौरान कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा. वकील के मुताबिक, रेप पीड़िता को समझौता करने के लिए रुपयों का लालच दिया गया. तरह-तरह से धमकियां भी दी गईं. हर तरीके के पैंतरे आजमाए गए.

Advertisement
X
सोनभद्र: नाबालिग से रेप मामले में रामदुलार सिंह गौड़ दोषी करार
सोनभद्र: नाबालिग से रेप मामले में रामदुलार सिंह गौड़ दोषी करार

Uttar Pradesh News: सोनभद्र के दुद्धी विधानसभा से बीजेपी विधायक रामदुलार सिंह गौड़ को नाबालिग से दुष्कर्म मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने जेल भेज दिया है. गौड़ की सजा का ऐलान 15 दिसंबर को होगा. इस केस को लेकर पीड़िता के वकील का बयान आया है. उन्होंने बताया कि मुकदमा लड़ने के दौरान उन्हें किस तरह की परेशानियों और दबाव का सामना करना पड़ा. वकील के मुताबिक, रेप पीड़िता को समझौता करने के लिए रुपयों का लालच दिया गया. तरह-तरह से धमकियां भी दी गईं. 

Advertisement

'आज तक' से बातचीत में पीड़िता के वकील विकास शाक्य ने बताया कि केस लड़ने के दौरान उन्हें कई तरह के दबाव का सामना करना पड़ा. यहां तक की रेप पीड़िता को रुपयों का लालच भी दिया गया. जब इससे बात नहीं बनी तो उसे कई बार धमकी दी गई. 

पीड़िता के वकील ने और क्या बताया?

विकास शाक्य ने कहा- दोषी करार दिए गए विधायक रामदुलार सिंह गौड़ ने पीड़िता की शादी के बाद उसके ससुराल जाकर भी धमकियां दी थीं. रसूख का इस्तेमाल कर कई तरह से दबाव बनाने की कोशिश की. लेकिन उसकी सारी योजना फेल हो गई. पीड़ित पक्ष अपनी बात पर अडिग रहा और मुकदमे में लगातार पैरवी करता रहा. 

वकील विकास शाक्य के अनुसार, दुष्कर्म के बाद पीड़िता गर्भवती हो गई थी. उसकी अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट कोर्ट में प्रेषित कर दी गई थी. डीएनए जांच के लिए भी कहा गया था, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था. दूसरे पक्ष ने इसे आधार बनाकर बचने की कोशिश की. लेकिन सुनवाई पूरी होने के बाद हमारे हक में फैसला आया. विधायक द्वारा चले गए सारे दांव फेल हो गए. 

Advertisement

ये भी पढ़ें- यूपी के बीजेपी विधायक रेप केस में दोषी, हो सकती है उम्रकैद तक की सजा

शाक्य ने यह भी बताया कि पीड़िता को बालिग साबित करने के लिए आरोपी पक्ष द्वारा परिवार रजिस्टर नकल में मिलीभगत करके उसकी उम्र बढ़ा दी गई थी. कोर्ट में पेशी के दौरान पीड़िता की जन्मतिथि की पुष्टि नहीं हुई थी. मगर प्राथमिक विद्यालय के स्कूल के सर्टिफिकेट से साबित हो गया कि पीड़िता नाबालिग थी. 

जानिए क्या है पूरा मामला? 

बता दें कि नाबालिग से रेप की ये वारदात साल 2014 में हुई थी. उस वक्त रेप के दोषी रामदुलार सिंह गौड़ की पत्नी म्योरपुर थाना क्षेत्र के एक गांव की प्रधान थी. प्रधानपति होने की वजह से गौड़ की गांव में चलती थी. रेप पीड़िता के भाई के मुताबिक, 4 नवंबर 2014 को शाम 7 बजे उसकी बहन रोती हुई घर आई थी. उसने बताया कि रामदुलार गौड़ ने उसके साथ रेप किया है. इसके बाद पीड़िता के परिजनों ने थाने में गौड़ के खिलाफ तहरीर दी थी.

पहले रेप का ये केस जिला अदालत में चल रहा था, लेकिन रामदुलार सिंह गौड़ के विधायनक बन जाने के बाद इसे एमपी-एमएलए कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया. यहां चली लंबी सुनावाई के बाद कोर्ट ने विधायक को रेप केस में दोषी पाया है. फिलहाल, कोर्ट ने सजा सुनाने के लिए 15 दिसंबर की तारीख तय करते हुए बीजेपी विधायक को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.

Advertisement

पीड़िता के घरवालों ने कही ये बात

जिस वक्त विधायक को सजा सुनाई गई पीड़िता का परिवार कोर्ट परिसर में मौजूद था. उन्होंने ईश्वर को धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्हें कोर्ट पर पूरा भरोसा है. विधायक को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए. पीड़िता के घरवालों ने कहा कि बेटी को बालिग साबित करने में विधायक ने कोई कसर नहीं छोड़ी थी. अपने रसूख का इस्तेमाल करके नाबालिग को बालिग दिखाने का पूरा प्रयास किया गया. सर्टिफिकेट में जन्मतिथि बदलवाने की पूरी कोशिश की गई. लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद भी विधायक खुद को बचाने में नाकामयाब रहा.  

Live TV

Advertisement
Advertisement