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Ghoshi Bypoll Result: घोसी में जीत बीजेपी के दारा सिंह चौहान की ही होगी, शाम तक इंतजार करिए, संजय निषाद का दावा

यूपी के घोषी में उपचुनाव परिणाम को लेकर निषाद पार्टी के मुखिया और यूपी सरकार में मंत्री संजय निषाद ने बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा कि शाम तक इंतजार करिए, घोसी में जीत बीजेपी के दारा सिंह चौहान की ही होगी.

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संजय निषाद ने घोषी सीट को लेकर किया बड़ा दावा
संजय निषाद ने घोषी सीट को लेकर किया बड़ा दावा

यूपी के घोसी विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव के नतीजे के लिए वोटों की गिनती जारी है. अभी तक 9 राउंड की काउंटिंग हो चुकी है जिसमें समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार सुधाकर सिंह आगे चल रहे हैं.

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हालांकि चुनाव परिणाम को लेकर निषाद पार्टी के मुखिया और यूपी सरकार में मंत्री संजय निषाद ने बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा कि शाम तक इंतजार करिए, घोसी में जीत बीजेपी के दारा सिंह चौहान की ही होगी. इस दौरान उन्होंने सपा उम्मीदवार को लेकर विवादित टिप्पणी भी की है. 

उन्होंने कहा,  'काउंटिंग एरिया वाइज होती है, अगर एरिया पाकिस्तान वाला है तो वहां के वोटों की गिनती से लगता है कि पाकिस्तान जीत रहा है और जब एरिया हमलोगों का आ जाता है तो वो लोग गायब हो जाते हैं.' उन्होंने इसका मतलब भी समझाया. संजय निषाद ने कहा, 'पाकिस्तान एरिया का मतलब जिसमें सपा का वोट है, जहां वो लोग रहते हैं.' 

बता दें कि छह राज्यों की सात विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के लिए आज मतगणना जारी है. बीजेपी त्रिपुरा की दोनों सीटें जीत चुकी हैं. सात सीटों में से तीन (धनपुर, बागेश्वर और धूपगुड़ी) पर भाजपा और एक-एक पर समाजवादी पार्टी (घोसी), सीपीआई (एम) (बॉक्सानगर), जेएमएम (डुमरी) और कांग्रेस (पुथुपल्ली) का कब्जा था. 

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इन सभी सीटों पर उपचुनाव 5 सितंबर को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ था. लोगों की नजरें यूपी की घोसी सीट पर टिकी हुई है जहां कांग्रेस ने सपा को अपना समर्थन दिया है. इस सीट पर सपा उम्मीदवार सुधाकर सिंह आगे चल रहे हैं.

क्या है घोसी का जातीय गणित

बात अगर घोसी विधानसभा सीट की करें तो यहां सबसे अधिक दलित-मुस्लिम मतदाता हैं. इस विधानसभा क्षेत्र में करीब 95 हजार मुस्लिम और 90 हजार दलित मतदाताओं की तादाद बताई जाती है. इसके बाद राजभर और चौहान 50-50 हजार, बनिया 30 हजार, निषाद 19 हजार, राजपूत और कोईरी 15-15 हजार, भूमिहार 14 हजार, ब्राह्मण सात हजार और कुम्हार मतदाताओं की तादाद पांच हजार के करीब बताई जा रही है.

घोसी उपचुनाव में बाजी किसके हाथ लगेगी? ये तो चुनाव परिणाम ही बताएंगे लेकिन घोसी की हवा बता रही है कि मुकाबला कांटे का है. विपक्ष का एक पर एक फॉर्मूला चलता है या माइक्रो मैनेजमेंट से कमल खिलता है? सभी की नजरें अब इस पर टिकी हैं.
 

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