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सात फेरे रोक कॉलेज पहुंच गई दुल्हन, बोली- पढ़ाई भी शादी जितना जरूरी

विदा वाले दिन ही कृष्णा का पेपर था. उसने फेरे रुकवाए और फिर दुल्हन के जोड़े में ही एग्जाम देने गई. वहां से लौटकर बाकी की रस्मों को पूरा किया. उसका कहना है कि शादी जितनी जरूरी है उतनी ही पढ़ाई भी जरूरी है.

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दुल्हन कृष्णा.
दुल्हन कृष्णा.

यूपी के झांसी जिले के गांव में दुल्हन ने शादी से पहले अपनी पढ़ाई को तरजीह दी और फेरों को बीच में ही रोककर एग्जाम देने गई. पेपर देकर वापस आने के बाद दुल्हन ने शादी की रस्मों को पूरा किया और फिर दुल्हन को परिवार वालों ने विदा किया. दुल्हन के इस फैसले की हर कोई तारीफ कर रहा है. 

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दरअसल, झांसी जिले के डोंगरी गांव में रहने वाली दुल्हन कृष्णा राजपूत की शादी बबीना के रहने वाले दूल्हा यशपाल सिंह के साथ तय हुई थी. पहले दोनों की शादी की तारीख 4 मई थी. मगर, निकाय चुनाव होने के कारण शादी की तारीख को बदलकर 15 मई कर दिया गया. बाद में कॉलेज वालों ने कृष्णा को फोन करके कहा कि 16 मई को उसका बीए तृतीय वर्ष का पेपर है. 

एग्जाम देने की कही बात


एग्जाम दे या ना दे इसी उधेड़बुन के बीच कृष्णा की शादी की तारीख पास आ गई और 15 मई को उसकी बारात का परिवार के लोगों ने स्वागत किया. 16 मई की सुबह कृष्णा के फेरे चल रहे थे. इसी दौरान उसने फेरे रोकते हुए कॉलेज जाकर बीए फाइनल का एग्जाम देने की बात कही.

दुल्हन कृष्णा.
दुल्हन कृष्णा.

शादी के जोड़े में ही गई एग्जाम देने

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पहले तो परिवार के लोग हैरान रह गए फिर सभी मान गए और फिर शादी के जोड़ में ही कृष्णा एग्जाम देने के लिए कॉलेज पहुंची. इधर, दूल्हा अपनी दुल्हन के लौटने का इंतजार करता रहा. कुछ घंटे बाद कृष्णा एग्जाम देकर वापस घर पहुंची और फिर सात फेरों को पूरा किया साथ ही शादी की बाकी की रस्मों को भी पूरा किया गया.

हमें खुशी है छात्रा का एग्जाम नहीं छूटा

कृष्णा के कॉलेज स्वामी विवेकानंद महाविद्यालय के प्रधानाचार्य श्यामजी मिश्रा का कहना है कि जब उन्हें पता चला कि परीक्षा के दिन छात्रा कृष्णा की शादी है तो उन्होंने उसके परिजनों को समझाया था, काफी मुश्किलों के बाद परिजन पेपर दिलाने के लिए तैयार हुए. हमें खुशी है कि छात्रा का पेपर नहीं चूका.

शादी भी जरूरी थी और एग्जाम भी

वहीं, छात्रा कृष्णा का कहना है कि शादी और एग्जाम दोनों की जरूरी थी. इसलिए मैनेज किया और एग्जाम देने गई. वहां से आकर शादी की अन्य रस्मों को पूरा किया. 

( इनपुट - प्रमोद गौतम )

 

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