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'चाहे मुझे फांसी पर चढ़ा दो लेकिन गेम मत रोकिए...', बोले बृजभूषण शरण सिंह

Brij Bhushan Sharan Singh: बृजभूषण शरण सिंह ने धरने पर बैठे खिलाड़ियों से अपील की है कि खेल प्रभावित न करें. उन्होंने सोमवार को अपने आवास पर कहा कि हाथ जोड़कर निवेदन है कि नेशनल होने दो और कैंप चलने दो. मुझे फांसी दे दीजिए लेकिन गेम को मत रोकिए. कैंप बंद नहीं होना चाहिए.

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बृज भूषण शरण सिंह की फाइल फोटो.
बृज भूषण शरण सिंह की फाइल फोटो.

विवादों में घिरे भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने धरने पर बैठे खिलाड़ियों से एक अपील की है. उन्होंने कहा कि चाहे फांसी पर चढ़ा दो लेकिन खेल की गतिविधियों को न बंद करें. 4 महीने से खेल बंद है. बच्चों के खेल और भविष्य के साथ खिलवाड़ मत करो. बृजभूषण शरण सिंह ने सोमवार को अपने आवास पर कहा, "हाथ जोड़कर निवेदन है कि नेशनल होने दो और कैंप चलने दो. मुझे फांसी दे दीजिए लेकिन गेम को मत रोकिए. कैंप बंद नहीं होना चाहिए.

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बीते दिन भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष ने पहलवानों के आरोपों के मुद्दे पर कहा था कि वह खिलाड़ियों की कृपा से नहीं, बल्कि जनता के दम पर सांसद बने हैं और आगे भी बने रहेंगे. उन्होंने रेसलर्स के लिए कहा कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को जो भरोसा दिया था, उसके हिसाब से तो कुश्ती खिलाड़ियों को अपने घर चले जाना चाहिए.

'...तो राजनीति कर ली जाएगी' - बृजभूषण

बृजभूषण ने आगे कहा कि जब राजनीति का मौसम आएगा तो राजनीति कर ली जाएगी, लेकिन अभी सुप्रीम कोर्ट और जांच एजेंसी पर भरोसा किया जाना चाहिए. तीन महीने पहले तक पहलवान एफआईआर के लिए क्यों नहीं गए? केस दर्ज करने की बात सुप्रीम कोर्ट ने नहीं, बल्कि सरकार ने कही है. सॉलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता ने कहा है कि FIR लिखने में कोई दिक्कत नहीं है.

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'बहुत जल्द दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा'

भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष ने आगे कहा कि बहुत जल्द दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा. लोगों को पुलिस की रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए, जिसमें सब साफ हो जाएगा. बता दें कि भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष तीन महीने में दूसरी बार पहलवानों के निशाने पर आ गए हैं. देश को कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मेडल दिला चुके पहलवानों ने भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. पहलवान जंतर-मंतर पर धरना दे रहे हैं. इसमें विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक समेत करीब एक दर्जन रेसलर शामिल हैं.

18 जनवरी को दिल्ली के जंतर-मंतर से ऐसी तस्वीर सामने आई थी, जिसने सभी को चौंका दिया था. राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बडे़ बड़े पहलवानों को पटखनी देने वाले करीब 30 रेसलर धरना देने के लिए जुटे थे. इन पहलवानों ने कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह और कोच पर महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न, अभद्रता, क्षेत्रवाद जैसे गंभीर आरोप लगाए थे. हालांकि, खेल मंत्रालय के दखल के बाद पहलवानों ने अपना धरना खत्म कर दिया था. 

23 अप्रैल से पहलवान दोबारा धरने पर बैठे हैं

तब खेल मंत्रालय ने पहलवानों द्वारा लगाए जा रहे आरोपों की जांच के लिए कमेटी का गठन किया था. अब तीन महीने बाद पहलवान फिर धरना दे रहे हैं. पहलवानों ने अब कमेटी पर ही सवाल खड़े किए हैं. धरना करने वाले पहलवानों में ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और सुमित मलिक जैसे बड़े नाम शामिल हैं. 23 अप्रैल से पहलवान दोबारा धरने पर बैठे हैं. 

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पहलवानों ने अब जांच कमेटी पर भी सवाल उठाए हैं. विनेश फोगाट ने कहा, मंत्रालय और कमेटी से तीन महीने से जवाब मांगने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन न वक्त मिल रहा है और न ही जवाब. उन्होंने कहा, नहीं पता कि अध्यक्ष ब्रजभूषण को बचाने के लिए कौन लोग उनका साथ दे रहे हैं. पहलवानों का दावा है कि कमेटी की रिपोर्ट सब्मिट हो गई, लेकिन रिपोर्ट में क्या है यह हमें बताया जाना चाहिए. कमेटी क्या कर रही है, क्या नहीं हमें नहीं पता?

 

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