भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की 5 जून को अयोध्या में होने जा रही जनचेतना रैली रद्द हो गई है. बीजेपी सूत्रों का दावा है कि पार्टी आलाकमान ने बृजभूषण को रैली रद्द करने का निर्देश दिया था. इतना ही नहीं आलाकमान ने बृजभूषण को आक्रामक बयान देने से बचने के लिए भी कहा है.
दरअसल, बृजभूषण सिंह पर पहलवानों ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं. दिल्ली पुलिस दो मामले दर्ज कर जांच में जुटी है. इन सबके बीच बृजभूषण सिंह ने 5 जून को अयोध्या में रैली बुलाई थी. इसमें बृजभूषण ने 11 लाख लोगों के जुटने का दावा किया था. रैली का आयोजन पर्यावरण दिवस पर अयोध्या के रामकथा पार्क में होना था. उधर, प्रशासन से भी इसकी अनुमति नहीं मिली थी.
बृजभूषण ने अपने समर्थकों के नाम एक संदेश जारी करते हुए कहा कि 28 साल से वह लोकसभा के सदस्य के रूप में सेवा कर रहे हैं. उन्होंने आगे कहा, 'मैंने सत्ता और विपक्ष में रहते हुए सभी जातियों, समुदायों और धर्मों के लोगों को एकजुट करने का प्रयास किया है. इन्हीं कारणों से मेरे राजनीतिक विरोधियों और उनकी पार्टियों ने मुझ पर झूठे आरोप लगाए हैं. वर्तमान स्थिति में कुछ राजनीतिक दल अलग-अलग स्थानों पर रैलियां कर प्रांतवाद, क्षेत्रवाद और जातीय संघर्ष को बढ़ावा देकर सामाजिक समरसता को भंग करने का प्रयास कर रहे हैं.'
बृजभूषण ने कहा, '5 जून को अयोध्या में एक संत सम्मेलन आयोजित करने का निर्णय लिया गया, ताकि पूरे समाज में फैल रही बुराई पर विचार किया जा सके. क्योंकि अब पुलिस आरोपों की जांच कर रही है और सुप्रीम कोर्ट के गंभीर निर्देशों का सम्मान करते हुए 'जन चेतना महारैली' अयोध्या चलो कार्यक्रम कुछ दिनों के लिए स्थगित कर दिया गया है. इस मुद्दे पर सभी धर्मों, जातियों और क्षेत्रों के लाखों समर्थकों और शुभचिंतकों ने विनम्र तरीके से मेरा समर्थन किया है.
बृजभूषण पर हाईकमान सख्त
सूत्रों का दावा है कि बृजभूषण सिंह ने बीजेपी हाईकमान के कहने पर 5 जून की रैली को रद्द किया है. इतना ही नहीं बृजभूषण को आक्रामक बयान देने से बचने के लिए भी कहा गया है.
मामले में अब तक क्या-क्या हुआ?
> भारतीय कुश्ती संघ पूर्व अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौनशोषण के आरोप लगाकर पहली बार 18 जनवरी 2023 को दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना दिया गया.
> 21 जनवरी को खेल मंत्री ने पहलवानों को भरोसा दिया कि मामले की जांच के लिए कमेटी का गठन किया जा रहा है.
> 23 अप्रैल को कमेटी की जांच पर सवाल उठाते हुए महिला पहलवान दोबारा जंतर-मंतर पर धरना देने पहुंच गईं.
> 24 अप्रैल को पहलवानों ने दिल्ली पुलिस से बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन शोषण की शिकायत की, लेकिन FIR दर्ज नहीं हुई.
> 28 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण के खिलाफ पॉक्सो एक्ट और दूसरे मामले में FIR दर्ज की.
> 3 मई की रात पहलवानों और दिल्ली पुलिस के बीच विवाद में झड़प हुई. 7 मई और 21 मई को महिला पहलवानों के समर्थन में खाप पंचायतें हुईं.
> 28 मई को नई संसद के उद्घाटन के दिन ही पहलवान बिना इजाजत के संसद तक मार्च निकालने को बढ़ने लगे. पुलिस ने उन्हें रोका. पहलवानों को हिरासत में लिया गया. रेसलर के खिलाफ कई धाराओं में केस दर्ज किया गया.
> 30 मई को पहलवानों ने ऐलान किया कि वह अपने मेडल गंगा में बहा देंगे. हरिद्वार पहुंचकर वह ऐसा करने भी वाले थे, लेकिन किसान नेता नरेश टिकैत ने वहां पहुंचकर उन्हें रोक लिया.
23 अप्रैल से धरने पर बैठे थे पहलवान
विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया समेत तमाम पहलवान जंतर मंतर पर 23 अप्रैल से धरना दे रहे थे. इससे पहले 18 जनवरी को पहलवानों ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया था. पहलवानों ने बृजभूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं. सुप्रीम कोर्ट के दखल पर दिल्ली पुलिस ने सिंह के खिलाफ दो मामले भी दर्ज किए हैं.