उत्तर प्रदेश के कानपुर में औरंगजेब का पुतला फूंकना हिंदूवादी नेता को भारी पड़ गया. पुलिस ने बजरंग दल के पूर्व अध्यक्ष कृष्णा तिवारी को गिरफ्तार कर लिया है. कृष्णा तिवारी ने अपने साथियों और हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं के साथ औरंगजेब का पुतला फूंका था.
मामले में स्वरूप नगर थाने के दारोगा विनय कुमार की तरफ से केस दर्ज करवाया गया था. केस दर्ज होने के बाद कृष्णा तिवारी समेत 15 लोगों के खिलाफ कार्रवाई शुरू हुई. बुधवार रात पुलिस ने कृष्णा को गिरफ्तार भी कर लिया. अब इस घटना को लेकर कृष्णा तिवारी के समर्थकों और हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं में काफी गुस्सा है.
दरअसल, जब से महाराष्ट्र में औरंगजेब का मुद्दा उठा है, तभी से पूरे देश में औरंगजेब का विरोध शुरू हो गया है. जगह-जगह हिंदूवादी संगठन औरंगजेब का पुतला फूंक रहे हैं. इसी कड़ी में कानपुर में 18 मार्च के दिन बजरंग दल के पूर्व जिला अध्यक्ष कृष्णा तिवारी ने अपने साथियों के साथ मोती झील चौराहे पर औरंगजेब का पुतला फूंका. मगर पुलिस ने इस मामले को लेकर हिंदू संगठनों के नेताओं के खिलाफ एक्शन ले लिया. पुलिस ने चौराहे पर ट्रैफिक बाधित करने का आरोप लगाया है.
कानपुर पुलिस का आरोप है कि औरंगजेब का पुतला फूंकने के दौरान ट्रैफिक बाधित किया गया. मामले में कृष्णा तिवारी समेत 3 नामजद और 15 अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. गिरफ्तारी के बाद आरोपियों को एसीपी मजिस्ट्रेट के सामने पेश करके जेल भेज दिया गया है.
वहीं, इस मामले में बीजेपी के कई विधायक पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठा रहे हैं. गोविंद नगर से बीजेपी के विधायक सुरेंद्र मैथानी का कहना है पुलिस ने जल्दबाजी में कार्रवाई की है. आखिर औरंगजेब का पुतला फूंकने में क्या गलत है?