उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले में बिजली विभाग की विजिलेंस टीम के साथ मारपीट करने और फिर जबरदस्ती उन्हें गाड़ी में बैठाने का वीडियो वायरल हुआ था. बीजेपी कार्यकर्ताओं पर सरकारी कर्मचारियों से मारपीट का आरोप लगा था. अब इस मामले में पीड़ित कर्मचारी की तहरीर पर पुलिस ने बीजेपी नेता सूर्यमणि तिवारी समेत 22 लोगों के खिलाफ अपहरण समेत कई धाराओं में केस दर्ज किया है.
बिजली उपभोक्ताओं से वसूली का आरोप लगाकर बीजेपी नेता और उनके कार्यकर्ताओं ने बीते शुक्रवार को विजिलेंस विभाग के सिपाही और ड्राइवर की पिटाई कर दी. उसके बाद उन्हें जबरन गाड़ी में बैठाकर अलीनगर थाना लेकर चले गए. इस मामले में पीड़ित की शिकायत के बाद पुलिस ने अपहरण समेत कई धाराओं में केस दर्ज किया है.
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बीजेपी नेता ने दी सफाई
इस मामले में बीजेपी नेता सूर्यमणि तिवारी ने सफाई देते हुए कहा कि किसी भाजपा कार्यकर्ता ने मारपीट नहीं की. उन अधिकारियों ने बिजली कनेक्शन चेकिंग के बाद रिश्वत लेने के लिए उपभोक्ताओं को ऑफिस में बुलाया था. विजिलेंस विभाग के कर्मचारी अवैध वसूली कर रहे थे. कार्यकर्ताओं की शिकायत पर मैं मौके पर पहुंचा, लोग नाराज थे और मारपीट की नौबत आ गई. हम उन दोनों कर्मचारियों को वहां से बचाकर अपनी गाड़ी में बैठाकर थाने लेकर आए. पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है.
अखिलेश बोले- बस यही दिन देखना बाकी था
वहीं सरकारी कर्मचारियों के साथ इस व्यवहार को लेकर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने बीजेपी सरकार पर हमला बोला है. अखिलेश ने घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए लिखा, "भाजपा सरकार का ‘पुलिस के प्रति जीरो टालरेंस’ का कारनामा : पुलिस का भाजपाइयों ने किया अपहरण. अब क्या पुलिसवालों को एफ़आइआर लिखवाने भाजपा के मुख्यालय जाना पड़ेगा. बस यही दिन देखना बाक़ी था."