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लाखों रुपये मांगे, ब्लैकमेल किया, नहीं दिया तो फंसा दिया... कानपुर में बुजुर्गों को जवान बनाने का झांसा देकर ठगी करने के आरोपी की सफाई

कानपुर के आरोपी दंपति ने शिकायतकर्ताओं को ही ब्लैकमेलर बताते हुए कहा कि एक बिजनेस खोला था जिसमें घाटा हुआ तो उसे बंद कर दिया गया. इसमें करोड़ों की ठगी और लोगों को जवान बनाने के दावे बिल्कुल गलत हैं, ना ही हमने कभी ऐसा क्लेम किया.

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कानपुर: आरोपी दंपति ने दी सफाई
कानपुर: आरोपी दंपति ने दी सफाई

कानपुर में 'इजरायली मशीन' से बुजुर्गों को जवान बनाने के नाम पर 35 करोड़ की ठगी करने के आरोपी दंपति राजीव दुबे और रश्मि दुबे ने सफाई दी है. दंपति ने शिकायतकर्ताओं को ही ब्लैकमेलर बताते हुए कहा कि एक बिजनेस खोला था जिसमें घाटा हुआ तो उसे बंद कर दिया गया. इसमें करोड़ों की ठगी और लोगों को जवान बनाने के दावे बिल्कुल गलत हैं, ना ही हमने कभी ऐसा क्लेम किया, ना ही ऐसा प्रचार किया.  

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राजीव दुबे और रश्मि दुबे ने दावा किया जिन्होंने (रेनू सिंह चंदेल) ठगी की एफआईआर दर्ज कराई है, उनकी रिकॉर्डिंग्स हमारे पास हैं, जिसमें हमसे पैसों की डिमांड की गई थी और ब्लैकमेलिंग की गई थी. पहले 5 लाख रुपये की मांग हुई थी, बाद में ये रकम बढ़कर 10 लाख को भी पार कर गई. कहा गया कि पैसे दे दो तो केस रफा-दफा कर देंगे. मगर हम इतना पैसा देने में सक्षम नहीं थे और हमने उन्हें मना कर दिया. इस तरह चीजें आगे बढ़ती गईं और बाद में पुलिस तक मामला पहुंच गया. 

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दुबे दंपति की माने तो शिकायतकर्ता लोगों की मीडिया में पकड़ है, उन्होंने फर्जी खबर प्लांट करा कर उनकी इमेज बर्बाद कर दी. जब तक सच्चाई बताते चारों ओर अफवाह फैल चुकी थी कि राजीव और रश्मि ने बुजुर्गों को जवान बनाने वाली मशीन के नाम पर लोगों से करोड़ों रुपये ठग लिए और विदेश भाग गए. 

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बकौल राजीव दुबे- परिवार में पत्नी के अलावा चार साल का एक बच्चा है. हमारी कोई सुनवाई नहीं हो रही. हम लोग बेहद परेशान हैं. मीडिया में पुलिस, एसआईटी, अधिकारी आदि बातें सुनकर डर गए. लेकिन हमने सोच रखा था कि चाहे जो हो जाए सबके सामने आएंगे और अपनी बात बताएंगे.    

राजीव दुबे के मुताबिक, उसने वायु इंडस्ट्री कंपनी से 40 लाख रुपये में प्लांट का सौदा किया था. 28 लाख देने के बाद प्लांट बनाने वाले मोहक श्रीवास्तव से विवाद हो गया, जिस पर मशीन का फाइनल टच किसी दूसरे से वेल्डिंग करवाकर कराया. वहीं, मोहक ने पुलिस को बताया कि राजीव ने पूरे देश में कंपनी खोलने की बात कही थी और ऑक्सीजन थेरेपी से उम्र घटाए जाने की बात गलत है.  

इंजीनियर मोहक का कहना है कि उसने दो वर्ष पूर्व राजीव दुबे के जिम में मेंबरशिप ली थी. इस दौरान राजीव ने हाइपरबेरिक ऑक्सीजन थेरेपी चैंबर मशीन बनाने का आर्डर उसे दिया था. दरअसल, ये एक टैंकरनुमा चैंबर होता है, जिसमें सिटिंग का इंतजाम होता है.  इसके अंदर बैठे लोगों को ऑक्सीजन थेरेपी दी जाती थी. हालांकि, मशीन की कॉस्ट का पूरा पेमेंट नहीं हुआ. 

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उधर, कानपुर पुलिस ने कहा है कि वह इस बिंदु पर भी जांच कर रही है कि क्या वायु इंडस्ट्री को इस तरह की किसी मशीन बनाने की इजाजत है या नहीं. फिलहाल, पुलिस ने राजीव और रश्मि से पूछताछ कर ली है. जांच-पड़ताल जारी है. 

हालांकि, इस मामले में पुलिस के सामने कई तरीके के पेच फंसे हैं. आरोपी राजीव दुबे जहां पूरी तरह खुद को बेगुनाह साबित कर रहा है, वहीं जो पीड़ित है उनका यह कहना है कि उनसे लाखों करोड़ों की ठगी हुई है. जब राजीव से उन्होंने अपने रुपये वापस मांगे, तो राजीव उनपर ही रंगदारी का आरोप लगा रहा है.  

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