उत्तर प्रदेश के मेरठ में एसटीएफ ने एक फर्जी कर्नल को गिरफ्तार किया है. आरोप है कि युवक सेना में भर्ती करने के नाम पर बेरोजगार युवकों से करोड़ों की ठगी कर चुका है. आरोपी पिछले सात साल से बेटे और साथियों के साथ मिलकर ठगी कर रहा था. इनपुट के आधार पर एसटीएफ ने कार्रवाई कर आरोपी से फर्जी पहचान पत्र, रसीद, टिकट, आर्मी कर्नल का आई कार्ड समेत कई फर्जी कागजात बारमद किए हैं.
जानकारी के मुताबिक, मामला मेरठ के गंगानगर थाना क्षेत्र का है. यहां आर्मी इंटेलिजेंस को इनपुट मिला था कि एक शख्स नकली कर्नल बनकर सेना में भर्ती के नाम पर लोगों से करोड़ों रुपए की ठगी कर रहा है. इसके आधार पर एसटीएफ ने मेरठ के गंगानगर थाना क्षेत्र में रहने वाले सत्यपाल सिंह यादव के घर पर छापेमारी कर पूरे मामले का खुलासा किया.
चेक बुक समेत कई फर्जी दस्तावेज बारामद
इस दौरान एसटीएफ को सतपाल के घर से कई बैंकों की चेक बुक मिली. साथ ही फर्जी परिचय पत्र, नियुक्ति पत्र, जॉइनिंग लेटर, स्टांप, प्रिंटर, भारतीय सेना के कर्नल की वर्दी, फर्जी पहचान पत्र, रसीद टिकट, आर्मी कर्नल का आई कार्ड और कई फर्जी कागजात भी मिले. इसके बाद एसटीएफ ने आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया. आरोपी बेटे के साथ मिलकर ठगी का धंधा चल रहा था. एसटीएफ इस मामले में आरोपी के बाकी साथियों की भी तलाश कर रही है.
2003 में रिटायर हुआ था आरोपी
आरोपी सतपाल सिंह सेना में चालक पद से 2003 में रिटायर हुआ था. वह पुणे में तैनात एक कर्नल की गाड़ी चलाता था. रिटायर होने के बाद सतपाल सिंह ने इसी कर्नल के नाम से वर्दी बनाई और उसका फर्जी आई कार्ड भी बनवाया. इसके बाद खुद को सेना का कर्नल बताकर बेरोजगार युवकों से ठगी करने लगा. पिछले सात सालों से वो ठगी की घटना को अंजाम दे रहा था.
फर्जी जॉइनिंग लेटर देकर एंठता था पैसे
इस मामले में एसपी कमलेश बहादुर ने बताया कि सतपाल सिंह सेना में रह चुका है. वह 1985 में सेना में भर्ती हुआ था. आरोपी सेना में भर्ती करने के नाम पर लोगों से पैसे लेता था. फिर उन्हें फर्जी जॉइनिंग लेटर देता था. इसकी शिकायत बुलंदशहर में हुई थी. इसके बाद एसटीएफ ने उसे गिरफ्तार किया. पुलिस इस मामले में गहराई से जांच कर रही है.