
UP News: मेरठ के किठौर इलाके से एक अनोखा मामला सामने आया है. जंगल से भटककर यहां एक आम के बाग में आए तेंदुए के शावक को बच्चों ने बिल्ली का बच्चा समझ लिया और उसे पकड़कर खेलने लगे. उसे जमीन पर खूब इधर-उधर दौड़ाया. यही नहीं, उसके गले में रस्सी बांधकर बगीचे में घुमाया. इसी बीच, जब बगीचे की रखवाली करने वाला शख्स वहां पहुंचा तो नजारा देख हैरान रह गया. इसकी जानकारी ग्रामीणों को दी गई. इसके बाद ग्रामीणों ने तेंदुए के बच्चे को वन विभाग की टीम को सौंप दिया. वन विभाग ने शावक को मादा तेंदुए से मिलाने के लिए सर्च अभियान चलाया और देर रात मादा तेंदुआ शावक को अपने साथ जंगल ले गई.
किठौर शाहजहांपुर हापुड़ बाईपास के पास एक शख्स ने आम का बगीचा खरीदा है. इसकी रखवाली का जिम्मा अपनी पहचान के आदमी को दिया हुआ है. गुरुवार को बाग में रखवाली करने वाले परिवार के बच्चे मौज मस्ती कर रहे थे. इसी दौरान मासूमों ने देखा कि कुछ बंदर एक छोटी सी बिल्ली की पिटाई कर रहे थे.
बच्चों ने दौड़कर बंदरों को भगा दिया. लेकिन कुछ ही देर में कुत्ते भी उस जंगली बिल्ली जैसे दिखने वाले जीव का हमलावर हो गए. लेकिन बच्चों ने होशियारी दिखाते हुए उसे बचा लिया और उसके गले में रस्सी बांधकर खेलने लगे. पीने के लिए दूध और पानी भी दिया गया.
इसी बीच, वहां बाग की रखवाली करने वाले ने शावक की गुर्राहट की आवाज सुनी तो उसने इधर उधर नजर दौड़ाई. लेकिन उसे कोई जंगली जानवर नहीं दिखा. तभी उसकी नजर बच्चों के संग अठखेलियां कर रहे शावक पर पड़ी तो वह दंग रह गया. फिर इस पूरे मामले की सूचना ग्रामीणों और पास की वन चौकी को दी गई.
डीएफओ राजेश कुमार ने बताया, गुरुवार को मेरठ के किठौर शाहजहांपुर हापुड़ बाईपास के पास आम के बाग में ग्रामीणों को एक शावक मिला था. जिसको मादा तेंदुए से मिलाने की प्लानिंग बनाई. शाम होने के बाद शावक को उसी स्थान पर रख दिया गया, जहां से उठाया था. शुक्रवार की सुबह लगभग 3:00 से 3:30 के बीचको मादा तेंदुआ उसे अपने साथ ले गई.
वन विभाग के अफसर के अनुसार, यह सफलतापूर्वक और बहुत प्लानिंग के तहत कार्य किया गया. यह बहुत सुखद है कि शावक को उसकी मां ने अपना लिया. यह जंगल से जुड़ा हुआ एरिया है. सामान्य प्रक्रिया है. प्रोटोकॉल के तहत कार्य कर रहे हैं. इसमें दो टीमें लगाई गई हैं. एक टीम उसके मूवमेंट को ट्रैक कर रही है और दूसरी टीम जंगली जानवरों के प्रति गांव के लोगों को समझाने में लगी है.