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'फूड प्लाजा की तरह एक्सप्रेस-वे के दोनों ओर अस्पताल भी हों', सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक में CM योगी ने दिए निर्देश

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2024 में प्रदेश के 75 जनपदों हुई दुर्घटनाओं में सबसे ज्यादा 20 जनपदों- हरदोई, मथुरा, आगरा, लखनऊ, बुलन्दशहर, कानपुर नगर, प्रयागराज, सीतापुर, उन्नाव, बाराबंकी, लखीमपुर खीरी, बरेली, अलीगढ़, गौतमबुद्धनगर, शाहजहांपुर, गोरखपुर, कुशीनगर, बदायूं, मेरठ और बिजनौर में जनहानि हुई है. प्रदेश में कुल हुई दुर्घटना मृत्यु में 42 प्रतिशत इन जनपदों से है. उन्होंने इसको नियंत्रित करने के लिए दुर्घटना के कारकों को खोजने एवं लोगों में सड़क सुरक्षा को लेकर जागरूकता बढ़ाने का निर्देश दिया.

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सीएम योगी आदित्यनाथ
सीएम योगी आदित्यनाथ

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को उत्तर प्रदेश राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक ली. इस दौरान संबंधित विभागों के मंत्री, शासन स्तर के अधिकारी, सभी मंडलों के मंडलायुक्त, सभी जनपदों के जिलाधिकारी, पुलिस कमिश्नर एवं पुलिस अधीक्षक मौजूद रहे. बैठक में मुख्यमंत्री ने प्रदेश में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिए.

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सड़क दुर्घटनाओं के वार्षिक आंकड़ों पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2024 में 46052 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं. इसमें 34600 लोग घायल हुए हैं, जबकि 24 हजार से अधिक मौतें हुई हैं, जो कि अत्यंत दुखद है. इसे हर हाल में न्यूनतम करना होगा. उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा से जुड़े सभी संबंधित विभाग आपसी समन्वय बनाकर सामूहिक प्रयासों के माध्यम से सड़क दुर्घटनाओं को नियंत्रित करें. साथ ही प्रदेश के सभी मार्गों पर ब्लैक स्पॉट को चिन्हित कर उन्हें ठीक कराएं.

'फूड प्लाजा की तरह अस्पताल की व्यवस्था करें'

मुख्यमंत्री ने सड़क दुर्घटना में घायल हुए लोगों के उपचार के विषय में चिंता करते हुए कहा कि सभी एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ फूड प्लाजा की तरह अस्पताल की व्यवस्था करें. साथ ही सभी मंडल मुख्यालयों के अस्पतालों में ट्रामा सेंटर, एंबुलेंस एवं ट्रेंड की स्टाफ को तैनाती भी सुनिश्चित की जाए.

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मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2024 में प्रदेश के 75 जनपदों हुई दुर्घटनाओं में सबसे ज्यादा 20 जनपदों- हरदोई, मथुरा, आगरा, लखनऊ, बुलन्दशहर, कानपुर नगर, प्रयागराज, सीतापुर, उन्नाव, बाराबंकी, लखीमपुर खीरी, बरेली, अलीगढ़, गौतमबुद्धनगर, शाहजहांपुर, गोरखपुर, कुशीनगर, बदायूं, मेरठ और बिजनौर में जनहानि हुई है. प्रदेश में कुल हुई दुर्घटना मृत्यु में 42 प्रतिशत इन जनपदों से है. उन्होंने इसको नियंत्रित करने के लिए दुर्घटना के कारकों को खोजने एवं लोगों में सड़क सुरक्षा को लेकर जागरूकता बढ़ाने का निर्देश दिया.

'सुरक्षा समिति की बैठक अनिवार्य रूप से हो'

मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए यह आवश्यक है कि जनपद स्तर पर प्रत्येक माह एवं मंडल स्तर पर त्रैमासिक मंडलीय सड़क सुरक्षा समिति की बैठक अनिवार्य रूप से हो. उन्होंने कहा कि प्रदेश के छह मंडलों अयोध्या, प्रयागराज, वाराणसी, आजमगढ़, सहारनपुर एवं आगरा मंडल में पिछले वर्ष हुई सिर्फ एक ही बैठक हुई है, जिसे बढ़ाने की आवश्यकता है. बस्ती, लखनऊ, गोरखपुर और मिर्जापुर में हुई चार बैठकों पर उन्होंने संतोष व्यक्त किया.

मुख्यमंत्री ने वर्ष 2024 में जिला सड़क सुरक्षा समिति की कम बैठक करने वाले जनपदों बलरामपुर, फिरोजाबाद, गोंडा, चंदौली, व जौनपुर को निर्देशित करते हुए कहा कि इन जनपदों में इसी सप्ताह बैठक हो जानी चाहिए. उन्होंने 10 या उससे अधिक बैठक करने वाले 38 जनपदों को निर्देशित करते हुए कहा कि शासन द्वारा जारी एसओपी के आधार पर ये जनपद भी जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक आयोजित करें.

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